MP Congress jila Adhyaksh : मध्यप्रदेश कांग्रेस में जिलाध्यक्षों में बदलाव को लेकर प्रदेश कांग्रेस ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। जल्द ही जिलों के अध्यक्षों को बदला जाएगा। जिला अध्यक्षों के चयन के लिए गुजरात पैटर्न पर काम किया जाएगा। जिस तरह से गुजरात में जिलाध्यक्षों को खोजने के लिए ऑब्जर्वरों की नियुक्ति की गई थी। ठीक उसी तरह मध्यप्रदेश के प्रत्येक जिले में एआईसीसी की ओर से ऑब्जर्वर की तैनाती की जाएगी, जो योग्य जिला अध्यक्ष की चयन प्रक्रिया में सहयोग करेंगे।
गुजरात पैटर्न पर होगी प्रक्रिया
कांग्रेस ने गुजरात के 33 जिला और 8 बड़े शहरों के जिलाध्यक्षों की निुयक्ति के लिए प्रदेश स्तर के 183 और केन्द्रीय स्तर के 42 पर्यवेक्षक नियुक्त किए है। मध्यप्रदेश में भी जिलाध्यक्षों के चयन के लिए कांग्रेस गुजरात पैर्टन अपनाने पर विचार कर रही है। बीते दिनों राहुल गांधी ने कहा था की जिला अध्यक्ष संगठन की नींव होते है। जिला कांग्रेस संगठन और जिला अध्यक्ष को हम पार्टी की फाउंडेशन बनाने जा रहे है।
इन्हें मिलेगी प्राथमिकता
मध्यप्रदेश कांग्रेस जिलाध्यक्ष चयन के लिए पार्टी ओबीसी, दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक और महिलाओं को पहले प्राथमिकता देगी। प्रदेश में 72 संगठनात्मक जिले है, जिनमें से फिलहाल 66 जिलों में अध्यक्ष है। बाकी 6 जिलों में पद खाली है। प्रदेश के सभी जिलों मं सतना जिला एक ऐसा जिला है जहां अल्पसंख्यक वर्ग से जिला अध्यक्ष है।
6 जिलों में नहीं जिलाध्यक्ष
आपको बता दें कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस के 72 संगठनात्मक जिले है। जिनमें से 66 जिलों में तो जिलाध्यक्ष है, लेकिन 6 जिलों में जिलाध्यक्षों के पद लंबे समय से खाली है। जिनमें रायसेन, बैतूल, बैतूल शहर, खंडवा ग्रामीण, कटनी और रतलाम ग्रामीण शामिल है।