Bhopal Jail : भोपाल सेंट्रल जेल में बुधवार दोपहर एक ड्रोन मिलने से हड़कंप मच गया। यह चाइना मेड ड्रोन जैसा बताया जा रहा है। जेल में गश्त कर रहे प्रहरी ने ड्रोन देखा और वरिष्ठ अधिकारियों के सुपुर्द किया। जेल प्रशासन की ओर से मामले की जानकारी स्थानीय थाना गांधी नगर में दी गई है। गांधी नगर पुलिस के मुताबिक, बुधवार दोपहर प्रहरी सोनवार चौरसिया गश्त कर रहा था। तभी उसे नवीन ब खंड के निमार्णाधीन हिस्से में हनुमान मंदिर के पीछे की तरफ एक ड्रोन दिखाई दिया। प्रहरी ने ड्रोन को उठाकर तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों के सुपुर्द किया।
ड्रोन में नहीं मिली कोई संदिग्ध वस्तु
ड्रोन की तकनीकी स्टाफ से जांच कराई जा रही है। फिलहाल ड्रोन में कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली है। इसकी जानकारी डीजी जेल, डीजीपी सहित कंट्रोल रूम और स्थानीय पुलिस को दी गई है। जल्द ड्रोन पुलिस के सुपुर्द कर दिया जाएगा।
हाई सिक्योरिटी सेल में बंद है आतंकी
भोपाल सेंट्रल जेल में फिलहाल 69 आतंकी बंद हैं। जो अलग-अलग संगठनों से ताल्लुक रखते हैं। इसमें स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया के 23, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के 21, हिज्ब उत तहरीर के 17 और इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया के 4 आतंकी बंद हैं। इस जेल में हाई सिक्योरिटी सेल की क्षमता 58 है। वर्तमान में 69 आतंकियों को रखा है। आतंकियों को हर रोज साढ़े तीन घंटे के लिए हाई सिक्योरिटी सेल से बाहर निकाला जाता है। जिससे वह अपने पर्सनल काम जैसे कपड़े सुखाना, धूप लेना, टहलना आदि कर सकें। इन आतंकियों की बाहर निकालने के बाद भी कड़ी निगरानी की जाती है। हर आतंकी पर नजर रखने की जिम्मेदारी 2 प्रहरियों की होती है। आतंकियों को सुबह ढाई घंटा, जबकि शाम में एक घंटा बाहर निकाला जाता है। उन्हें किसी से बातचीत की इजाजत नहीं होती। सभी आतंकियों को बाहर निकालने पर भी अलग-अलग रखा जाता है।
कहीं कोई साजिश तो नहीं?
पूरे मामले में आशंका है कि किसी वारदात को अंजाम देने के लिए तो ड्रोन नहीं रखा गया। कहीं कोई आतंकियों से जुड़े नेटवर्क की साजिश तो नहीं है। पुलिस का कहना है कि सभी बिंदुओं पर जांच शुरू की गई है।
ड्रोन में कैमरा, लेकिन स्टोरेज डिवाइस नहीं
पुलिस ने मौके पर चेक किया तो देखा कि ड्रोन में कैमरा तो लगा है, लेकिन स्टोरेज डिवाइस नहीं है। इसलिए इससे रिकाॅर्डिंग नहीं हो सकती है, लेकिन एक बड़ा सवाल यह है कि ड्रोन यहां तक कैसे पहुंचा। पुलिस ने ड्रोन मिलने के बाद आसपास के इलाकों में गश्त की। पुलिस का कहना है कि पास ही एक ड्रोन ट्रेनिंग का इंस्टीटयूट भी है, जो अभी बंद है। आसपास कुछ साॅफ्टवेयर कंपनियां भी है। गांधी नगर पुलिस का कहना है कि ड्रोन को पुलिस की टेक्निकल शाखा में जांच के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।