भोपाल : मध्य प्रदेश के स्कूलों में 1 मई से गर्मी की छुट्टियां शुरू हो रही है। जिसको लेकर छात्रों में जहां उत्साह है, तो वही दूसरी तरफ शिक्षकों को छुट्टी में भी काम करने का आदेश स्कूल शिक्षा विभाग ने जारी किया है। जिसको लेकर टीचर्स में आक्रोश है। दरअसल, स्कूल शिक्षा विभाग ने एक मई से स्कूलों में समर कैंप का आयोजन किया है। जिसमे शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई। इतना ही नहीं विभाग ने अर्जित अवकाश पर भी रोक लगा दी है।
4 लाख शिक्षक होंगे प्रभावित
दरअसल, 1 मई से 15 जून तक विद्यार्थियों के लिए ग्रीष्मकालीन अवकाश की घोषणा की गई है। तो वही टीचर्स के लिए 1 मई 2025 से 31 मई 2025 तक अवकाश घोषित किया गया है। बावजूद इसके स्कूल शिक्षा विभाग ने एक मई से सभी स्कूलों में समर कैंप का आयोजन किया है। जिसके चलते 4 लाख शिक्षको को छुट्टी के बावजूद भी काम करना पड़ेगा।
टीचर्स की छुट्टियां कार्य करते हुए निकल जाती
बता दें कि यह कोई पहली बार नहीं है जब टीचर्स को छुट्टी में भी काम करवाया जा रहा है। लंबे समय से यही सिलसिला जारी है। इतना ही नहीं टीचर्स की छुट्टी में कटौती की जा रही है। पहले शिक्षकों को ग्रीष्मकालीन अवकाश में 2 महीने के छुट्टी मिलती थी। लेकिन अब उसे घटाकर एक माह कर दिया गया है। अब आलम यह है कि टीचर्स को गर्मी में मिलने वाली छुट्टियां कार्य करते हुए निकल जाती हैं। ग्रीष्मकालीन अवकाश के अलावा शिक्षकों को सालभर में कुल 26 छुट्टियां मिलती हैं। ग्रीष्मकालीन अवकाश में काम करवाने का शिक्षक कई सालों से विरोध कर रहे हैं।
कर्मचारियों की भांति अवकाश मिलना चाहिए
इधर, प्रदेश के कई शिक्षक संगठन सरकारी कर्मचारियों की भांति अवकाश की मांग रहे हैं। शिक्षक, व्याख्याता एवं प्राचार्य संवर्ग के अध्यक्ष शिववीर सिंह भदौरिया का कहना है कि शिक्षकों के ग्रीष्मकालीन अवकाश समाप्त कर शासकीय कर्मचारियों की भांति अवकाश मिलना चाहिए।