स्मार्ट सिटी मिशन खत्म: 9 साल रायपुर और बिलासपुर में खर्च हुए इतने करोड़, 29 कार्य अधूरे ...

स्मार्ट सिटी मिशन खत्म: 9 साल रायपुर और बिलासपुर में खर्च हुए इतने करोड़, 29 कार्य अधूरे ...

रायपुर: प्रदेश में केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक स्मार्ट सिटी मिशन का विस्तारित कार्यकाल समाप्त हो गया है। इस मिशन के तहत देश के सौ शहरों को स्मार्ट सिटी बनाया जाना था। इनमें छत्तीसगढ़ के रायपुर, बिलासपुर और नवा रायपुर शहर शामिल थे। स्मार्ट सिटी रायपुर और बिलासपुर में पिछले 9 साल में 1731 करोड़ का आवंटन हुआ, इसमें से करीब 1600 करोड़ रुपए खर्च किए। खास बात ये है विस्तारित अवधि समाप्त होने के बाद अभी 29 कार्य पूरे नहीं हुए हैं, भारत सरकार द्वारा देश में कुल 100 शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए मिशन स्मार्ट सिटी 25 जून 2015 को प्रारंभ किया गया, जिसके अंतर्गत प्रदेश के 3 शहरों को सम्मिलित किया गया है। 

स्मार्ट सिटी मिशन:

रायपुर शहर का चयन स्मार्ट सिटी के फास्ट ट्रैक मोड में हुआ, जिसकी घोषणा भारत सरकार द्वारा 23 मई 2016 को की गई। बिलासपुर एवं अटल नगर (नया रायपुर) शहर का चयन स्मार्ट सिटी के तृतीय चरण में हुआ, जिसकी घोषणा भारत सरकार द्वारा 23 जून 2017 को की गई। रायपुर एवं बिलासपुर शहरों में क्रमशः रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड व  बिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा मिशन का क्रियान्वयन नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के प्रशासकीय नियंत्रणाधीन किया जा रहा है।
 
हर साल मिले इतने करोड़ :

भारत सरकार द्वारा तीनों शहरों हेतु 05 वर्षों में केल्यांश राशि रू. 98.00 करोड़ प्रतिवर्ष के मान से राशि 490 करोड़ रुपार प्रति शहर प्रावधानित की गई थी। मिशन के दिशा निर्देशों के अनुसार प्रति शहर राज्याश के रूप में राशि रु 500 करोड़ रुए का प्रावधान किया गया। 

 सेंट्रल लायब्रेरी सहित ये काम :

बिलासपुर स्मार्ट सिटी द्वारा चिलासपुर शहर में सेंट्रल लाईखिरी, इन्वयूचेशन सेंटर, वर्किंग चूमन हॉस्टल, मिट्टी तेल गली एवं व्यापार विहार में स्मार्ट रोड का कार्य, तारामण्डल और जातिया तालाब पुनरोध्दार के साथ साथ प्रमुख परियोजनाएं जैसे इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम, अरपा रिडवलपमेंट प्रोजेक्ट का लाभ भी जनता को मिल रहा है। शीघ्र ही दोनों स्मार्ट सिटी शहरों में 29 कार्य अधूरे हैं। इन कार्यों को पूरा किया जाएगा।

 
 


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