रायपुर: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र बीजापुर में जहां छोटे-छोटे बच्चे पहले केवल खून और गोलीबारी को समझा करते थे। वहां अब वो अक्षरों का ज्ञान प्राप्त करेंगे। दरअसल कुछ दिन पहले बीजापुर जिले के घनघोर नक्सल प्रभावित अंड्री इलाके में मुठभेड़ में दो दर्जन से अधिक माओवादी मारे गए थे। उस इलाके पर अब एक गांव है मुदवेंडी जहां प्रायमरी स्कूल इसी सत्र में शुरू किया गया है। इस सन्दर्भ में विभागीय अफसरों का कहना है कि मुदवेंडी में 20 साल बाद स्कूल खुला है। जिले में अब तक 250 स्कूल खोल दिए गए हैं। यहां गोण्डी बोलने वाले आदिवासी परिवार के नन्हे बच्चे हिन्दी का अक्षर ज्ञान और सीख रहे हैं।
बंद हुए स्कूल पुनः संचालित :
सलवा जुडूम के दौरान जो स्कूल बंद हो गए थे. उन्हें खोला जा रहा है। इस साल सुरक्षा कैम्प के समीप के गांव में 20 स्कूल और सुरक्षा कैम्प जहां नहीं है, वहां पूरे जिले में 230 स्कूल खोले गए हैं। इस तरह बंद हुए 250 स्कूल पुनः खोलकर संचालित हो रहे हैं। वहीं भवन की स्वीकृति भी दी जा रही है। मुदवेंडी में भी भवन का काम शुरू हो गया है।
नक्सल उन्मूलन पर ली सुध :
राज्य में विष्णुदेव साय सरकार के गठन के बाद बस्तर में नक्सली उन्मूलन की दिशा में तेजी से काम शुरू हुआ। नक्सलियों के सफाये के साथ अंदरुनी इलाकों में विकास के द्वार खोले गए, इनमें शिक्षा भी शामिल है। चूंकि अभी शिक्षा विभाग श्री साय के पास ही है. इसलिए नक्सली खौफ से बंद स्कूलों को फिर से खोलने को प्राथमिकता दी गई और अंदरुनी इलाकों में फोर्स की हलचल के साथ स्कूल खुलते चले गए। अब तक 250 बंद स्कूलों को खोला जा चुका है।
शिक्षादूत बनकर पढ़ा रहे गांव के युवा :
धूर नक्सल गढ़ में पढ़ाने के लिए रेगुलर शिक्षक जाने से आज भी बच रहे हैं। ऐसे में संवेदनशील गांव में 12वीं तक शिक्षित स्थानीय युवक को शिक्षादूत बनाकर 10 हजार वेतन दिया जा रहा है। 2 स्थानीय युवक यहां पढ़ा रहे हैं, रेगुलर शिक्षक पदस्थ नहीं है। पहली बार स्कूल खुला है, इसलिए भाषा-बोली की समस्या भी है। स्थानीय युवक इन बच्चों को गोण्डी में उनकी भाषा समझकर पढ़ा रहे हैं। आगे जब हर साल 1-1 क्लास बढ़ेगी तो फिर रेगुलर शिक्षक भेजे जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि मुदवेडी में 12वीं पास युवक नहीं मिला, लेकिन इसी ग्राम पंचायत बुरजी जिसमें 17 गांव आते है. वहां शिक्षादूत मिल गाए। इस तरह यहां स्कूल शुरू हो गया है।
सीएम ने पोस्ट की हरिभूमि की खबर :
सीएम विष्णुदेव साय ने हरिभूमि की खबर को अपने सोशल मीडिया हैंडल में पोस्ट किया है। इस पर ट्विट करते हुए सीएम ने लिखा कि, ऐसी खबरों से आत्मिक संतोष होता है। जहां बंदूक की आवाज गूंजती थी, वहां क, ख, ग एवं A, B, C, D की आवाज सुनाई दे रही है। डबल इंजन सरकार के सुशासन में बीजापुर जिले में 250 स्कूलों के बंद दरवाजे खुले हैं। वहां के बेटे-बेटियों को पढ़ने से कोई नहीं रोक सकता, और अब बस्तर संभाग को अब आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता है।