भोपाल। लोकायुक्त की टीम रोजाना ही सौरभ शर्मा, चेतन और शरद जायसवाल से पूछताछ कर रही है। शनिवार को भी डीएसपी वीरेन्द्र सिंह और उनकी टीम ने तीनों से पूछताछ की। इस दौरान लोकायुक्त अफसरों ने प्रापर्टी के दस्तावेज दिखाकर तीनों से पूछताछ की। इस दौरान सौरभ के पार्टनर शरद जायसवाल ने बताया कि सारी संपत्ति सौरभ की है, मेरे नाम का केवल इस्तेमाल किया गया है।
प्राॅपर्टी की रजिस्ट्री तो मेरे नाम होती थी, लेकिन तत्काल पावर आॅफ अटार्नी किसी और को दे दी जाती थी। भोपाल के आसपास स्थित पॉश लोकेशन में प्रापर्टी के 3 दस्तावेजों को दिखाकर शरद से पूछताछ की गई, लेकिन उसने खुद की प्राॅपर्टी होने से इंकार कर दिया। फिलहाल लोकायुक्त को फोकस उन छापे में बरामद हुए 40 दस्तावेजों पर हैं, जो नामी बेनामी संपत्ति से जुड़े हैं। प्राॅपर्टी की खरीद फरोख्त में किसकी क्या भूमिका थी, सभी की कुंडली तैयार कर ली गई है। इस संबंध में करीब दो दर्जन से अधिक लोगों से पूछताछ की जानी है। अदालत ने हर 24 घंटे में तीनों का मेडिकल कराने के निर्देश दिए हैं। शनिवार को पाूछताछ के बाद तीनों का मेडिकल परीक्षण हमीदिया अस्पताल में कराया गया।
सुरक्षा के लिए लाइन से अतिरिक्त बल की तैनाती
सौरभ के एडवोकेट राकेश पाराशर ने लोकायुक्त अफसरों के खिलाफ कोर्ट में शिकायती आवेदन लगाया था, जिसमें उल्लेख था कि सौरभ की जान को खतरा है। वहीं लोकायुक्त पुलिस उसे खुलेआम पैदल पैदल लेकर घूम रही है। इस मामले में लोकायुक्त को 4 फरवरी को जबाब भी दाखिल करना है। इसी लिए सुरक्षा के लिए लाइन से भी अतिरिक्त बल मंगाया गया है। रात को राजधानी के अलग-अलग थानों में आरोपियों को रखा जा रहा है। आरोपी जब थाने में रहते हैं, तो लोकायुक्त के जवानों की भी वहां तैनाती की जाती है। लोकायुक्त पुलिस सौरभ की सुरक्षा को लेकर किसी प्रकार की कोताही नहीं बरतना चाहती।