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Delhi CM के रेस में रेखा गुप्ता ने कैसी मारी बाजी? : इन तीन कारणों से पिछड़ते चले गए प्रवेश वर्मा...

Delhi CM के रेस में रेखा गुप्ता ने कैसी मारी बाजी? : इन तीन कारणों से पिछड़ते चले गए प्रवेश वर्मा...

Delhi CM Rekha Gupta: भाजपा ने दिल्ली की राजनीति में एक चौंकाने वाला कदम उठाया है। पहली बार विधायक बनीं रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बना कर भाजपा ने यह दिखा दिया है कि उनकी राजनीति को समझना आसान नहीं है। लेकिन एक सवाल लोगों के मन में है कि भाजपा ने प्रवेश वर्मा को क्यों नजरअंदाज कर दिया। उन्होंने नई दिल्ली विधानसभा सीट से केजरीवाल को हराया, फिर भी भाजपा ने उन पर भरोसा क्यों नहीं किया? अब हम आपको 3 कारण बताते हैं, जिनकी वजह से रेखा गुप्ता ने यह रेस जीत ली...

पहला कारण: Delhi CM Rekha Gupta: भाजपा को महिलाओं का समर्थन हासिल करने के लिए एक महिला नेता की जरूरत थी। पहले भाजपा ने सुषमा स्वराज को दिल्ली की महिला मुख्यमंत्री बनाया था। वहीं, आप ने आतिशी को डम्मी सीएम बना दिया था, और केजरीवाल ने यह साफ कहा था कि अगर आप जीतती है, तो वह खुद ही फिर से सीएम बनेंगे। लेकिन भाजपा ने महिला चेहरा चुना और यह दिखा दिया कि महिला को सिर्फ डम्मी सीएम नहीं, बल्कि असली मुख्यमंत्री भी बनाया जा सकता है।

दूसरा कारण: Delhi CM Rekha Gupta: अरविंद केजरीवाल हरियाणा के हिसार से हैं, तो भाजपा शायद किसी ऐसे नेता की तलाश कर रही थी, जो हरियाणा से हो और केजरीवाल को चुनौती दे सके। रेखा गुप्ता भी हरियाणा के जींद से हैं, इसलिए भाजपा ने प्रवेश वर्मा को नजरअंदाज कर रेखा गुप्ता को सीएम बनाने का फैसला लिया।

तीसरा कारण: Delhi CM Rekha Gupta: और अब बात करते हैं सबसे महत्वपूर्ण कारण कि जिसके अनुसार भाजपा सरकार में आरएसएस की राय बहुत अहम होती है। भाजपा कोई बड़ा फैसला आरएसएस की सहमति के बिना नहीं लेती। रेखा गुप्ता एक पुरानी संघ से जुड़ी हुई नेता हैं। वे छात्र जीवन से ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की सदस्य रही हैं और दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्र संघ की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के लिए आरएसएस ने रेखा गुप्ता का नाम सुझाया था, और इसलिए भाजपा ने उन्हें सीएम बनाने का निर्णय लिया।

अब समझिए BJP का पावर इक्वेशन: 

Delhi CM Rekha Gupta: बीजेपी ने प्रवेश वर्मा को डिप्टी सीएम बना कर जाट और गुर्जर समुदाय को नाराज होने से बचा लिया है। वहीं, दिल्ली विधानसभा स्पीकर का पद उत्तराखंडी नेता को देकर दिल्ली के पहाड़ी वोटर्स को खुश करने की कोशिश की गई है। इसके अलावा, दिल्ली के वाल्मिकी समुदाय, पूर्वांचल के वोटर्स, पंजाबी समुदाय और सिख समाज को भी बीजेपी को सही तरीके से प्रतिनिधित्व देना होगा।


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