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रामनिवास रावत इस्तीफा : रावत का इस्तीफा होल्ड, नहीं हुआ स्वीकार, जानिए क्यो?

रामनिवास रावत इस्तीफा : रावत का इस्तीफा होल्ड, नहीं हुआ स्वीकार, जानिए क्यो?

रामनिवास रावत इस्तीफा : मध्यप्रदेश की राजनीति से एक बड़ी खबर सामने आई है। विजयपुर सीट से उपचुनाव हारे मोहन सरकार के वन मंत्री राम निवास रावत का इस्तीफा सरकार ने स्वीकार नहीं करते हुए होल्ड कर दिया है। यानी रावत का इस्तीफा अभी नहीं हुआ है।

रावत का इस्तीफा होल्ड

पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सरकार ने उनका इस्तीफा फोल्ड कर दिया है। क्योंकि मुख्यमंत्री मोहन यादव विदेश दौरे पर है। मोहन यादव के भारत लौटने पर रावत के इस्तीफे पर फैसला लिया जाएगा। जब तक के लिए उनके इस्तीफे को होल्ड कर दिया गया है। फिलहाल रावत करीब 1 सप्ताह तक मंत्री बने रहेंगे। 

क्या कहता हैं नियम 

संविधान के नियम अनुसार रामनिवास रावत को शपथ के छह महीने के अंदर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचा था, लेकिन वे चुनाव हार गए। इसके बाबजूद भी उनके 6 महीने की अवधि पूरी नही हुई है। ऐसे में सरकार चाहे तो उन्हें उनकी अवधि खत्म होने तक मंत्री बनाकर रख सकती है। अवधि खत्म होने के बाद उनका इस्तीफा स्वीकार किया जा सकता है। 

कौन बनेगा वन मंत्री?

रामनिवास रावत के विजयपुर विधानसभा उपचुनाव हारने के बाद कयासों का दौर शुरू हो गया है कि अब रावत की जगह यानी वन मंत्री का पद किसे मिलेगा? कौन बनेगा अगला वन मंत्री इसको लेकर कई नाम चर्चा में ​शामिल हो गए है। एक बार फिर प्रदेश में मंत्री पद की रेस शुरू हो गई है। 

क्या नागर बनेंगे मंत्री?

रामनिवास रावत के बीजेपी में आने से पहले वन मंत्रालय का काम नागर सिंह चौहान संभाल रहे थे, लेकिन रावत के बीजेपी में आने के बाद मोहन सरकार ने रामनिवास रावत को वन मंत्री बनाया दिया था। ​जिसके चलते नागर सिंह चौहान ने अपनी नाराजगी व्यक्त की थी। ऐसे में कयास लगाए जा रहे है कि नागर सिंह फिर से मंत्री पद की दावेदारी कर सकते है। 

रेस में शामिल भार्गव-गोपाल-पाठक?

इतना ही नहीं मंत्री पद को लेकर कई विधायक दावेदारी की तैयारी में जुट गए है। जिसमें संजय पाठक, रहली विधायक गोपाल भार्गव और खुरई विधायक भूपेन्द्र सिंह शामिल बताए जा रहे है। गोपाल भार्गव और भूपेन्द्र सिंह बीते महीनों से नाराज चल रहे है। इन दोनों की नाराजगी दूर करने के लिए दोनों को मंत्री पद दिया जा सकता है। 

4 अनार कई बीमार!

रामनिवास रावत के इस्तीफे के बाद मोहन कैबिनेट में खाली मंत्री पदों की संख्या 4 हो जाएगी। सरकार में फिलहाल 30 मंत्री है और नियम अनुसार कैबिनेट में 34 मंत्री बनाने का प्रावधान है। ऐसे में मोहन सरकार ​कैबिनेट का विस्तार कर 4 खाली पदों को भर सकती है। इन चार पदों के लिए कई विधायकों ने लॉबिंग करना शुरू कर दिया है। हालांकि मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कोई हलचल नहीं है, लेकिन कयासों का दौर शुरू हो गया है।


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