भोपाल : अपने एक्टिंग से रंगमंच में जादू चलाने वाले अभिनेता आलोक चटर्जी का सोमवार देर रात निधन हो गया। आलोक चटर्जी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। जिनका निधन भोपाल के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान हो गया। आलोक दादा का अंतिम संस्कार आज भोपाल में किया जाएगा। आलोक चटर्जी न सिर्फ अच्छे अभिनेता थे, बल्कि मध्यप्रदेश नाट्य विद्यालय के पूर्व निदेशक भी रह चुके है। इसके साथ ही उन्हें देश में अभिनय के बेहतरीन टीचर के रूप में भी जाना जाता था।
कई बीमारियों से जूझ रहे थे अभिनेता
बता दें कि अभिनेता किडनी पैंक्रियाज जैसी गंभीर बीमारी से परेशान थे। उनके शरीर में इन्फेक्शन फैल गया था। इसके अलावा उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था, जिसकी वजह से उनका देर रात निधन हो गया।उनके निधन की पुष्टि भोपाल के रंगकर्मी बालेंद्र बालू ने भी की है। उन्होंने कहा, "कल रात में करीब 11-12 बजे उनका निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार थे। उनकी अंतिम यात्रा उनके निवास -B-13 फाईन कैम्पस, कोलार रोड से दोपहर 1:30 से 2 बजे के बीच भदभदा विश्राम घाट की ओर रवाना होगी ।
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के गोल्डमेडेलिस्ट थे आलोक चटर्जी
बता दें कि आलोक चटर्जी दोस्त नाम की नाट्य संस्था भीं चलाते थे। उन्होंने भारत भवन के रंगमंडल में भीं सालों काम किया। इतना ही नहीं वे राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के गोल्डमेडेलिस्ट थे। आलोक चटर्जी की हिंदी सिनेमा के दिग्गज कलाकार रहे इरफान खान से भी गहरी दोस्ती थी। दोनों ने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में साल 1984 से लेकर 1987 तक एक साथ पढ़ाई की। दोनों ने तीन साल तक नाटकों में लीड रोल भी निभाए। दमोह में जन्में आलोक चटर्जी (Alok Chatterjee Death News) कक्षा 8वीं तक पढाई करने के बाद जबलपुर चले गए। यहां से वे भोपाल शिफ्ट हुए फिर नई दिल्ली से एनएसडी की डिग्री हासिल की।
इन नाटकों से हुए खूब मशहूर
वह कुछ बेहद मशहूर नाटकों का हिस्सा रहे। 'ए मिड समर नाइट्स ड्रीम' (विलियम शेक्सपियर) का निर्देशन उन्होंने ही किया था। 'डेथ ऑफ सेल्समैन' (आर्थर मिलर) का निर्देशन से साथ उन्होंने उसमें अभिनय भी किया था। 'नट सम्राट' (विष्णु वामन शिरवाडकर), 'शकुंतला की अंगूठी' (सुरेन्द्र वर्मा), 'स्वामी विवेकानंद', और 'अनकहे अफसाने' उनके प्रमुख नाटकों में शामिल हैं