Emergency Martial Law : राष्ट्रपति यून सुक-योल ने साउथ कोरिया में मंगलवार को इमरजेंसी मार्शल लॉ की घोषणा की है। इस कड़ी में उन्होंने देश के नाम संबोधन में आरोप लगते हुए कहा कि, देश की संवैधानिक व्यवस्था और उत्तर कोरिया के प्रति सहानुभूति रखना विपक्षी दलों पर सरकार को पंगु बनाने व कमजोर करने का काम करती है.
कोरिया में बढ़ा राजनीतिक तनाव :
यून सुक-योल ने इसकी घोषणा टेलीविजन पर प्रसारित राष्ट्र के नाम संबोधन में इमरजेंसी की है। जिसके बाद से दक्षिण कोरिया में राजनीतिक तनाव काफी बढ़ गया है। देश संबोधित करते हुए राष्ट्रपति योल ने कहा कि, उत्तर कोरिया की देश विरोधी तत्वों और कम्युनिस्ट ताकतों से उत्पन्न खतरों से बचने के लिए मैं दक्षिण कोरिया में इमरजेंसी मार्शल लॉ लागू कर रहा हूं।
विपक्षी सांसदों ने दी मंजूरी :
इस सन्दर्भ में विपक्षी सांसदों ने कुछ दिनों पहले ही दक्षिण कोरिया के लगभग 300 सदस्यीय संसद में बहुमत वाले विपक्षी सांसदों को एक छोटे बजट प्रस्ताव के लिए मंजूरी दी गई थी। इस पर राष्ट्रपति यून सुक-योल ने मुख्य फंडिंग में कटौती के लिए आलोचना की थी। और क हा था कि, अपराधियों के लिए हमारी नेशनल असेंबली स्वर्ग बन गई है।
मार्शल लॉ लगाने की साजिश:
ये तानाशाही विधायी का अड्डा बन गई है, जो प्रशासनिक प्रणालियों और न्यायिक पंगु बना रही है. इसके उन्होंने कहा कि डेमोक्रेटिक पार्टी के नेतृत्व वाले विपक्ष ने कुछ समय पहले ये आरोप लगाया था.सत्ता का दुरुपयोग कर राष्ट्रपति यून देश में मार्शल लॉ लगाने की साजिश कर रहे हैं. विपक्षी नेता इस पर कहा कि देश में उनके द्वारा उठाया गया यह तानाशाही को जन्म दे सकता है। तब इन आरोपों को यून ने विपक्ष मनगढ़ंत बताया था।