ख़ास रिपोर्ट राहुल भूतड़ा
बालोद। बालोद जिले में शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। जो काफी चिंताजनक है। इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक स्कूल में बच्चो को मैं गधा हूँ, बड़े होकर गोबर इकठ्ठा करूंगा। मैं भेड़ चराने जाऊंगा। कुछ इस तरह के नोट्स लिखकर सरकारी स्कूल के शिक्षक अब छात्रो को पढ़ाने लगे है। इसके कारण इस बार होने वाले परीक्षा में जिले का परीक्षा परिणाम बेहद खराब आ सकते हैं। मामला गुरुर ब्लाक के प्राथमिक शाला ग्राम जगतरा का है जहां बच्चों को नोट्स में मैं गधा हूँ, बड़े होकर गोबर इकठ्ठा करूंगा। मैं भेड़ चराने जाऊंगा। ये सब सिखाया जाता है। अब यह नोटबुक भी काफी वायरल हो रहा है।
अपने एकदिवसीय बालोद प्रवास पर रहे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सामने inh न्यूज़ ने प्रमुखता से उठाते हुए सीएम साय से इस बात को अवगत कराया गया जिस पर मुख्यमंत्री ने इस पर जल्द एक्शन लेने की बात कही है।
इसी तरह बालोद जिले की शिक्षा की बात करें तो अब जिले के हर स्कूलों से आने लगी है जिसमे बड़ी लापरवाही जिला शिक्षा अधिकारी की है जो अपने बन्द कमरों से कभी निकलते नही और स्कूलों की मॉनिटरिंग नही करते।
मुख्यमंत्री ने मामले में कहा कि शिक्षा में गुणवक्ता लाने हर जिले के कलेक्टर को बोला गया है। पीएमश्री योजना के तहत स्कूलों का कायाकल्प हो रहा है। बेहतर शिक्षा मिले इसका पूरा प्रयास किया जा रहा है।
विष्णुदेव साय, मुख्यमंत्री छग
बहरहाल जिले में शिक्षा का क्या स्तर है ये तो समझ मे आ गया वही inh न्यूज़ ने इस मुद्दे को प्रदेश के मुखिया के सामने रख दिया है। देखना ये होगा कि क्या बन्द कमरों से अधिकारी निकल के जमीनी हकीकत जान पाते है, शिक्षा के स्तर को सुधार करने में कोई ठोस कदम उठाते हैं या स्कूलों को ऐसे ही भगवान भरोसे शिक्षकों के साथ छोड़ दिया जाता है।