MP Police Order : मध्यप्रदेश में अब सांसद-विधायकों को भी पुलिस अफसरों और कर्मचारियों को सैल्यूट करना होगा। साथ ही उनसे शिष्टता के साथ पेश आना होगा। इस संबंध में डीजीपी कैलाश मकवाना ने आदेश जारी कर दिए है। आदेश में इस बात का भी उल्लेख है कि जनप्रतिनिधि यदि पुलिस अधिकारियों से मिलने उनके कार्यालय जाते हैं तो उनकी बात प्राथमिकता के आधार पर सुननी होगी।
सांसद, विधायकों को पुलिस करेंगी सैल्यूट
पुलिस महानिदेशक ने इसके निर्देश प्रदेश की सभी पुलिस इकाइयों को जारी कर इसका पालन करने के लिए कहा है। सभी सांसद, विधायकों को सरकारी कार्यक्रम या सामान्य मुलाकात के दौरान उनका अभिवादन वदीर्धारी अधिकारी और कर्मचारी सैल्यूट से करेंगे। इतना ही नहीं यदि सांसदों, विधायकों द्वारा पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों से मोबाइल पर किसी समस्या के संबंध में संपर्क किया जाता है, तो उनकी बात ध्यान से सुनेंगे और शिष्टता के साथ जवाब देंगे। हालांकि इस तरह का आदेश पूर्व में भी जारी हो चुका है। डीजीपी के संज्ञान में आया कि इस आदेश का पालन ठीक तरीके से नहीं किया जा रहा, तो उन्होंने फिर से सख्ती के साथ इसे लागू करने के निर्देश दिए है।
जनप्रतिनिधि और पुलिस में हो रहे विवाद
दरअसल इस आदेश को इस संदर्भ में भी देखा जा रहा है कि आए दिन जनप्रतिनियों का पुलिस से किसी न किसी विषय को लेकर विवाद हो रहा है। हाल ही में मऊंगज विधायक प्रदीप पटेल थाने में अपनी ही गिरफ्तारी की मांग को लेकर बैठ गए थे।
दरसल उनका एक सब इंस्पेक्टर से पूर्व में विवाद हुआ था। इसी लिए उन्होंने करीब 6 घंटे कार्यकर्ताओं के साथ थाने में प्रदर्शन किया। वहीं दो दिन पहले ही पिछोर से भाजपा विधायक प्रीतम सिंह लोधी ने शिवपुरी एसपी अमन सिंह राठौर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। डीजीपी ने इस तरह का आदेश जारी कर कहीं न कहीं पुलिस अफसरों और मैदानी अमले को यह मैसेज दिया है कि जनप्रतिनिधियों से सामंजस्य बनाकर चलें।