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"राजनैतिक संरक्षण प्राप्त रसूकदारों पर पुलिस नहीं कर रही कोई कार्रवाई" :पुलिस की कार्रवाई पर कांग्रेस ने लगाया सवालिया निशान  

"राजनैतिक संरक्षण प्राप्त रसूकदारों पर पुलिस नहीं कर रही कोई कार्रवाई" :पुलिस की कार्रवाई पर कांग्रेस ने लगाया सवालिया निशान  

राजा शर्मा //डोंगरगढ़ :- राजनांदगांव जिले के धर्म नगरी डोंगरगढ़ में अवैध शराब बिक्री को लेकर इन दिनों जमकर बवाल मचा हुआ है । पिछले दिनों एसपी कलेक्टर सबमिट में प्रदेश के मुखिया विष्णु देव साय ने जिले एसपी को डोंगरगढ़ में खुलेआम बिक रही अवैध शराब को लेकर कड़े रुख अपनाते हुए जमकर फटकार लगाई और अवैध शराब बिक्री को पूर्णतः बंद करने का आदेश दिया था। फटकार के बाद से डोंगरगढ़ पुलिस एक्शन मोड में दिखाई दे रही है और शराब कोचियों पर धर पकड़ की लगातार कार्रवाई कर रही है। 

"रसूकदारों पर पुलिस की कार्रवाई संदेहात्मक": विजय राज 

पुलिस कर्रवाई में अब राजनीति भी गर्म होती दिखाई दे रही है । अवैध शराब की बिक्री और इस पर पुलिस एवम् आबकारी पुलिस के द्वारा कि जा रही कार्रवाई पर कांग्रेस ने सवालिया निशान लगा दिया । एक ओर पुलिस अवैध शराब कोचियों पर कार्रवाई तो कर रही है लेकिन राजनैतिक संरक्षण प्राप्त रसूकदारों पर पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है तो वहीं दूसरी ओर स्थानीय डोंगरगढ़ आबकारी विभाग पर कार्य के प्रति निष्क्रियता का आरोप भी कांग्रेस ने लगाया है। कांग्रेसियों की माने तो पुलिस शराब कोचियों के नाम पर निर्दोष लोगो पर कार्रवाई कर रही है । जबकि शहर के बीच में कई संचालित कई बड़े होटलों के साथ साथ ही अवैध शराब बेचने वाले रसूखदार कोचिए आज भी खुले आम शराब बेच रहे हैं । जिन पर कार्रवाई नहीं की जा रही है। 

आबकारी विभाग के थाना प्रभारी रहते हैं नदारत :

कांग्रेसी जब अवैध शराब बिक्री के मामले को लेकर स्थानीय आबकारी अधिकारी के दफ्तर पहुंचे तो वहां से जिम्मेदार अधिकारी नदारद मिले ।  जिससे नाराज कांग्रेसियों ने आबकारी कार्यालय में अधिकारी के लापता होने का पर्चा चिपका दिया ।  कांग्रेसियों ने बताया कि जिम्मेदार अधिकारी एक तो कार्यालय में बैठते नहीं है , साथ ही आम जनता का फोन भी नहीं उठाते जिसके बाद आज उनके दफ्तर में पहुंचे तो उनके विभागीय कर्मचारी के फोन पर सम्पर्क कर उनसे बातचीत किया तो उन्होंने अपने लचर व्यवस्था को स्वीकार ना करते हुए मीडिया जगत पर ही ठीकरा फोड़ दिया और कहा कि पत्रकारों के फोन से मै परेशान रहता इसलिए मैं कार्यालय ना आ कर फील्ड में ही रहता हूं । आबकारी अधिकारी अगर फील्ड में हैं तो उनकी कार्यवाही भी दिखनी चाहिए लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है वह सिर्फ खाना पूर्ति के नाम पर जगलों में बसे आदिवासी परिवारों द्वारा अपने उपयोग में लाने महुआ शराब को जप्ति कर खाना पूर्ति करने में लगे हैं जबकि शहर में बिक रही अवैध शराब पर इनका कोई लगाम तक नही है।  इनके द्वारा संचालित शराब भट्टियों से कोचियों को पेटी पेटी शराब दिया जा रहा है। यह प्रशासन की किस प्रकार की कार्यवाही हैं। अपने आप में ही संदेहात्मक दिखाई पड़ता हैं। 

निर्दोष पर कार्रवाई नहीं की जा रही : एसडीओपी आशीष कुंजाम 

वहीं पूरे मामले में जिम्मेदारियों की माने तो एसडीओपी आशीष कुंजाम बताते हैं कि किसी भी निर्दोष पर कार्रवाई नहीं की जा रही है संजय सिंहा पर कार्रवाई को लेकर कांग्रेसी विरोध में पहुंचे थे जिसके खिलाफ पूर्व में 4 मामले अवैध शराब बिक्री के दर्ज है साथ ही मारपीट के भी मामले दर्ज हैं जब मौके पर पुलिस पहुंची तो उसने शराब फेक दिया था इसलिए शराब की जप्ती नही हो पाई है। सभी अवैध शराब कोचियों पर कार्रवाई जारी रहेगी किसी को बक्सा नहीं जाएगा।आबकारी विभाग के जिम्मेदारों की माने तो अधिकारी के लापता होने की बात निराधार हैं कभी फिल्ड में तो कभी जिले के काम से उन्हें ऑफिस से बाहर जाना पड़ता है । अवैध शराब बिक्री पर केवल पुलिस के द्वारा कार्रवाई किए जाने और आबकारी के द्वारा नहीं किए जाने पर उन्होंने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है समय समय पर विभाग द्वारा कार्रवाई की जाती हैं। 


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