
लाइफस्टाइल और आहार से संबंधित गड़बड़ियों ने कम उम्र में ही कई प्रकार की बीमारियों का खतरा काफी बढ़ा दिया है। जब बात महिलाओं के स्वास्थ्य की हो तो दो बीमारियों की चर्चा सबसे ज्यादा की जाती है-पीसीओएस और पीसीओडी। ये दोनों ही महिलाओं में होने वाले हार्मोनल विकार हैं, जिसके कारण कई प्रकार की दिक्कतें हो सकती है। क्या ये दोनों विकार एक ही हैं या इनमें कोई अंतर है? आइए इस बारे में समझते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, पीसीओडी या पीसीओएस दोनों ही महिलाओं के ओवरी (अंडाशय) को प्रभावित करने वाली बीमारी हैं। ओवरी महिलाओं के प्रजनन का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। प्रजनन के लिए ओवरी न सिर्फ अंडों का उत्पादन करती है बल्कि एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे फीमेल हार्मोन्स भी स्रावित करती है।
पीसीओएस की क्या पहचान है?
पीसीओएस की स्थिति कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ाने लगती है। मासिक धर्म में अनियमितता होगा या नियमित मासिक धर्म न होना पीसीओएस का सामान्य लक्षण है। इसी तरह मासिक धर्म का कई दिनों तक या सामान्य से ज्यादा समय तक चलना भी पीसीओएस का सामान्य लक्षण है। शरीर में एंड्रोजन हार्मोन का स्तर बढ़ने के कारण चेहरे और शरीर पर बहुत ज्यादा बाल हो सकते हैं। चेहर पर बहुत ज्यादा मुंहासे होना या तेजी से बाल कम होते जाना भी पीसीओएस का एक संकेत माना जाता है।
अब जानिए पीसीओडी क्या है?
पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज (पीसीओडी) भी पीसीओएस की ही तरह एक हार्मोनल विकार है जो भी अंडाशय को प्रभावित करता है। इसके कारण भी अनियमित मासिक धर्म, वजन बढ़ने, मुंहासे और बंझपन की समस्या हो सकती है। पीसीओडी के कारण अंडाशय में सूजन और वृद्धि भी हो सकती है। पीसीओडी के लिए कोई निश्चित इलाज नहीं है, लेकिन जीवनशैली में बदलाव करके इसके लक्षणों को कंट्रोल किया जा सकता है। अब सवाल उठता है कि जब दोनों समस्याओं के लक्षण एक जैसे हैं तो क्या दोनों में कोई अंतर भी है या फिर दोनों एक ही है?
पहले जानिए पीसीओएस क्या है?
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) एक हार्मोनल विकार है जो आमतौर पर प्रजनन आयु की महिलाओं को प्रभावित करता है। इसके कारण आपको मासिक धर्म में अनियमितता की दिक्कत होती है। इसके अलावा कुछ लोगों में पीसीओएस के कारण अत्यधिक बाल उगने, मुंहासे होने या वजन बढ़ने की भी दिक्कत हो सकती है। पीसीओएस पर अगर ध्यान न दिया जाए तो इसके कारण बांझपन की भी समस्या होने का खतरा रहता है। पीसीओएस के कारण अंडाशय में तरल पदार्थ से भरे छोटे-छोटे सिस्ट विकसित हो जाते है जिसके कारण ये ठीक तरीके से अंडे नहीं रिलीज कर पाती।
क्या इनमें कोई अंतर भी है?
अपोलो हॉस्पिटल्स के विशेषज्ञ अनुसार, पीसीओडी और पीसीओएस दोनों एक जैसी समस्याएं होते हुए भी अलग है। पीसीओडी एक हल्का रूप है, जिसमें ओवरी में सिस्ट और अनियमित ओव्यूलेशन होता है. जबकि पीसीओएस अधिक जटिल विकार है, जिसमें हार्मोनल असंतुलन, इंसुलिन प्रतिरोध और मेटाबॉलिज्म से संबंधित दिक्कतें हो सकती हैं।