MP Congress : मध्यप्रदेश में हुए उप चुनाव में विजयपुर विधानसभा सीट में मिली जीत ने कांग्रेस को एक बार फिर खड़ा कर दिया है। विधानसभा और लोकसभा चुनाव के बाद हासिये पर चल रही एमपी कांग्रेस के लिए यह जीत किसी संजीवनी से कम नहीं है। खास बात यह कि कांग्रेस में भाजपा सरकार के मौजूदा मंत्री रामनिवास रावत को हराया है। इसलिए इस जीत की अहमियत बढ़ जाती है।
पटवारी का बढ़ेगा कद!
इस जीत का सबसे ज्यादा असर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी पर हुआ है। यह उनके नेतृत्व में पहली जीत है। इस जीत से मध्यप्रदेश की सियासत में उनके विरोधियों की आवाज दबेगी और केंद्रीय नेतृत्व के सामने जीतू पटवारी का कद बढेगा। साल 2023 में हुए मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की एकतरफा हार हुई थी। विधानसभा में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस आलाकमान ने मध्यप्रदेश में बड़ा परिवर्तन करते हुए युवा पटवारी पर भरोसा जताते हुए प्रदेश की कमान सौंपी थी।
पटवारी के नेतृत्व में पहली जीत
हालांकि चंद महीनों बाद हुए लोक सभा चुनाव में कांग्रेस की फिर करारी हार हुई थी। प्रदेश में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली। इस दौरान कई सीनियर नेताओं ने पार्टी से किनारा करते हुए भाजपा का दामन थाम लिया। उसके बाद जीतू पटवारी के नेतृत्व पर सवाल खड़े होने लगे थे। इसके बाद हुए अमरवाड़ा के उपचुनाव में भी कांग्रेस कोई कमाल नहीं कर सकी थी। ऐसे में बुधनी और विजयपुर के चुनाव पटवारी के लिए काफी अहम थे। बुधनी में भी कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गढ़ में सेंधमारी करते हुए विधानसभा चुनाव में एक लाख से अधिक के आंकड़े को कम करते हुए 13 हजार पर ला दिया। विजय पुर में प्रदेश सरकार के मंत्री और छह बार के विधायक रामनिवास रावत को हराकर सीट पर कांग्रेस ने फिर कब्जा कर लिया। यह सीट कांग्रेस के पास ही थी, क्योंकि रावत कांग्रेस के टिकट पर 20223 का चुनाव जीते थे। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले वे भाजपा में चले गए थे।
जयवर्धन का बढ़ेगा कद!
इस जीत के साथ कांग्रेस विधायक व पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह का भी पार्टी में कद बढ़ा है। वजह यह कि सिंह विजयपुर उप चुनाव में खासे सक्रिय ते। चुनावी सभाओं के अलावा रोड शो के जरिए मुकेश मल्होत्रा के लिए वोट मांगे। हर बूथ पर कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। इसके अलावा ग्राउंड पर जाकर कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाया। कांग्रेस में युवा नेताओं की कमी को देखते हुए भविष्य में जयवर्धन सिंह के लिए इस जीत के साथ तमाम संभावनाएं बढ़ी हैं।
नई ऊर्जा से उतरेंगे कांग्रेसी
पिछले दिनों कांग्रेस की दो दिनी बैठक में वरिष्ठ नेताओं के नहीं आने से पटवारी मायूस नजर आए थे। हालांकि अगले ही दिन उन्होंने साफ कर दिया था कि पार्टी के लिए काम करने वालों को ही आगे बढ़ाया जाएगा। अब सिफारिश नहीं चलेगी। इस जीत के बाद पटवारी की संगठन में पकड़ मजबूत होगी। यही नहीं, हाल में बनाई गई प्रदेश कार्यकारिणी के पदाधिकारी भी नई ऊर्जा के साथ मैदान में उतरेंगे। इसमें कोई दो राय नहीं कि मायूस पड़ी कांग्रेस आने वाले दिनों में आक्रामक रूप में नजर आएगी।