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Nursing Scandal : नर्सिंग मामले पर मंत्री सारंग ने कही ये बात

Nursing Scandal : नर्सिंग मामले पर मंत्री सारंग ने कही ये बात

भोपाल। नर्सिंग मामले को लेकर कांग्रेस द्वारा लगाए गए झूठे आरोपों की हवा निकल गई है। मप्र के कांग्रेसी राहुल गांधी की तरह झूठे आरोप लगाकर बदनाम करने का प्रयास कर रहे थे। लेकिन उनके आरोपों से कमलनाथ की 15 महीने की सरकार कठघरे में खड़ी हो गई है। यह बातें मंत्री विश्वास सारंग ने कही। उन्होंने कहा कि ये षड्यंत्र किया गया है और वो जल्द से जल्द इसका पर्दाफ़ाश करेंगे।

 खेल मंत्री सारंग ने कहा कि कांग्रेस विधायकों द्वारा झूठा आरोप लगाए जा रहा है कि नर्सिंग मामले को लेकर ध्यानाकर्षण में सदन में दिए गए जवाब गलत है, जबकि इस मामले को लेकर सभी बिंदुओं पर सदन में साक्ष्य दस्तावेजों के साथ हमने उनका उत्तर दिया। 

राजनीतिक षड्यंत्र के तहत कांग्रेस आधारहीन आरोप लगा रही 

सारंग ने कहा कि यह स्पष्ट है कि विस्तृत चर्चा के बावजूद केवल राजनीतिक षड्यंत्र के तहत कांग्रेस तथ्य और आधारहीन आरोप लगा रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेसी षडयंत्र रचकर उन्हें बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन वे लगातार विफल हो रहे हैं। सारंग ने बताया कि सुनीता शिजू के हस्ताक्षर से पत्र कमांक/म. प्र.न.र.कां/2019/ए-30, भोपाल दिनांक 11 जनवरी 2019 के माध्यम से शैक्षणिक सत्र 2018-19 में नर्सिंग कालेजों को मान्यता प्रदान की गई थी। इस लिस्ट में क्रमांक 153 पर मलय नर्सिंग काॅलेज का नाम दर्ज है। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार सत्र 2019-20 में भी कांग्रेस शासनकाल में मलय नर्सिंग काॅलेज को मान्यता प्रदान की गई थी।

सत्र 2019-20 की लिस्ट में क्रमांक 80 पर मलय नर्सिंग काॅलेज का नाम दर्ज है। सारंग ने कहा कि मैंने हर समय और सदन में भी यही कहा है कि सुनीता शिजू के हस्ताक्षर से ही कांग्रेस सरकार में शैक्षणिक सत्र 2018-19 में मान्यता प्रदान की गई है। मेरे द्वारा सदन में यह कभी नहीं कहा गया कि कांग्रेस सरकार में कौंसिल की रजिस्ट्रार सुनीता शिजू थीं। सारंग ने कहा कि जनवरी 2019 में कमलनाथ की सरकार थी और तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ थीं और उस समय सुनीता शिजू किस अधिकार से हस्ताक्षर कर नर्सिंग काॅलेजों को मान्यता प्रदान कर रही थीं, यह तो तत्कालीन मुख्यमंत्री या चिकित्सा शिक्षा मंत्री बता सकती है।
 

कांग्रेस राजनीतिक लाभ के लिए लगा रही है आरोप


मंत्री सारंग ने कहा कि विश्व विद्यालय कार्यपरिषद की बैठक की गई, जिसमें कहा गया कि नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता प्राप्त है, जिन्होंने विवि की शुल्क जमा की है एवं मूलभूत सुविधाओं को काॅन्सिल ने सही पाया है उन्हें मान्यता दी गई। विद्यार्थियों के भविष्य को देखते हुए हमारे कार्यालय की ओर से पत्र पुनर्विचार के लिए पत्र लिखा गया था, जिसमें कहीं भी निर्देश नहीं दिए गए। मलय कॉलेज को मान्यता हमने नहीं दी। 11 जनवरी 2019 को विजयलक्ष्मी साधो द्वारा मान्यता दी गई। जयवर्धन कह रहे हैं कि मलय कॉलेज का मालिक जेल में है, तो वो बताएं कि मालिक को जेल क्यों भेजा गया। सदन में हमारे सारे जवाब तथ्यात्मक हैं, जिनके प्रूफ हमने सदन में दिए हैं।


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