रायपुर: प्रदेश के युवाओं को प्लास्टिक प्रौद्योगिकी और संबंधित क्षेत्रों में करियर के नए अवसर देने की दिशा में एक अहम पहल करते हुए सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने राज्य के सभी जिला कलेक्टरों को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने केंद्रीय पेट्रोरसायन अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (CIPET), रायपुर द्वारा संचालित डिप्लोमा और पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा पाठ्यक्रमों की जानकारी अधिक से अधिक छात्रों तक पहुंचाने का आग्रह किया है।
क्या है सिपेट रायपुर?
सांसद अग्रवाल ने जानकारी दी कि सिपेट रायपुर भारत सरकार के रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के अधीन एक राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान है, जिसकी स्थापना 2015 में राज्य और केंद्र सरकार के संयुक्त प्रयासों से रायपुर के भनपुरी औद्योगिक क्षेत्र में की गई थी। यह संस्थान प्लास्टिक प्रौद्योगिकी, प्रोसेसिंग, मोल्ड डिजाइन और परीक्षण जैसे क्षेत्रों में युवाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करता है।
शत-प्रतिशत प्लेसमेंट और स्वरोजगार की संभावना
सिपेट रायपुर से प्रशिक्षित विद्यार्थियों को देश-विदेश की बहुराष्ट्रीय कंपनियों में प्लेसमेंट मिलता है, साथ ही स्वरोजगार के भी अनेक अवसर उपलब्ध होते हैं। इसके बावजूद, जागरूकता की कमी के चलते राज्य के अनेक युवा इस क्षेत्र में उपलब्ध संभावनाओं से अब तक अंजान हैं।
सत्र 2025-26 के लिए प्रवेश प्रारंभ
सिपेट रायपुर में शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए डिप्लोमा और पीजी डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस अवसर का लाभ अधिक से अधिक युवाओं तक पहुंचे, इसके लिए सांसद अग्रवाल ने सभी जिलाधिकारियों से अपील की है कि वे अपने जिलों के स्कूलों और कॉलेजों में इन पाठ्यक्रमों की जानकारी साझा करें।
विशेषज्ञों को बुलाने का सुझाव
सांसद ने यह भी सुझाव दिया है कि सिपेट रायपुर के विशेषज्ञों को शैक्षणिक संस्थानों में आमंत्रित कर विद्यार्थियों को संस्थान की विशेषताओं, पाठ्यक्रमों और प्लेसमेंट संभावनाओं के बारे में जानकारी दी जाए।
भविष्य की दिशा में मजबूत कदम
सांसद अग्रवाल का मानना है कि यह पहल प्रदेश के युवाओं को न सिर्फ तकनीकी रूप से दक्ष बनाएगी, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाकर प्लास्टिक व औद्योगिक क्षेत्रों में एक उज्जवल भविष्य की ओर अग्रसर भी करेगी। यह प्रयास छत्तीसगढ़ के युवाओं के लिए तकनीकी क्षेत्र में करियर निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।