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Nakul Nath : पिता की राजनीतिक विरासत संभालने में नाकाम रहे नकुल

Nakul Nath : पिता की राजनीतिक विरासत संभालने में नाकाम रहे नकुल

Nakul Nath : पिता की राजनीतिक विरासत संभालने में नाकाम रहे नकुल नाथ ने भाजपा में जाने के लिए हाथ-पैर मारे थे, लेकिन उन्हें होल्ड पर रख दिया गया है। हालांकि दिग्विजय पुत्र जयवर्धन पर भाजपा डोरे डाल रही है। जयवर्धन ने नवंबर माह में बाबा बागेश्वर धाम की हिंदू एकता यात्रा में शामिल होकर न केवल भाजपा, बल्कि कांग्रेस को भी चौंका दिया था। नकुल पांच साल लोकसभा सदस्य रह चुके हैं, लेकिन उन्होंने कोई ऐसा काम नहीं किया जो उन्हें राजनीतिक रूप से परिपक्व दर्शाता हो। उनकी पहचान सिर्फ इतनी ही है कि वे कमलनाथ के पुत्र हैं। कमलनाथ वर्ष 1980 से छिंदवाड़ा से सांसद रहे हैं और उन्हें स्व. इंदिरा गांधी का तीसरा बेटा कहा जाता रहा है।

सूत्र बताते हैं कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाने और इसके बाद नए प्रदशाध्यक्ष जीतू पटवारी द्वारा कोई तवज्जों नहीं दिए जाने से नाराज होकर उन्होंने भाजपा में जाने का मन बना लिया था और संपर्क भी किया था, लेकिन ऐन वक्त पर हाईकमान ने कमलनाथ को पार्टी में लेने से इंकार कर दिया था। इसके बाद उन्होंने नकुल नाथ को भाजपा में भेजने की कोशिश की थी, लेकिन पार्टी ने कोई रुचि नहीं दिखाई। गत लोकसभा चुनाव छिंदवाड़ा से हारने के बाद नकुल नाथ निष्क्रिय हैं और इसी कारण उन्हें पटवारी ने कोई प्रभार नहीं सौंपा है। लगातार उपेक्षा के बाद उन्होंने एक बार फिर भाजपा में जाने की कोशिशें की थी, लेकिन सूत्र बताते हैं कि नाथ को लेने में भाजपा की कोई रूचि इसलिए नहीं है कि कि उनके उन पास सिर्फ कमलनाथ पुत्र होने की पहचान के कुछ और नहीं है।

सिंह को लेकर एक राय ये भी

जयवर्धन सिंह को लेकर भाजपा के भीतर एक राय ये भी है कि उन्हें लेना उचित नहीं होगा, क्योंकि पूर्व में उनके चाचा लक्ष्मण सिंह को भाजपा ने अपने साथ मिलाया था। वे भाजपा से राजगढ़ से लोकसभा का चुनाव भी लड़े, लेकिन बाद में वापस कांग्रेस में चले गए। दिग्विजय सिंह परिवार का दूसरा सदस्य भी ऐसा न निकले। 

जीतू की टीम से नकुल आउट 

हाल ही में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने अपनी टीम में कुछ नए प्रभारी शामिल किए हैं। जिन्हें अलग-अलग विभागों का जिम्मा सौंपा गया है। चुनाव प्रबंधन के लिए कांग्रेस में प्रशिक्षण विभाग, यूथ कांग्रेस मॉनिटरिंग, महिला कांग्रेस और एनएसयूआई जैसे विभाग हैं। जिनके लिए कुल 35 नई प्रभारी नियुक्त किए गए हैं। चौंकाने वाली बात ये है कि इस लिस्ट में नकुलनाथ का नाम नहीं है। नकुल को पार्टी में कोई जिम्मेदारी नहीं सौंपी गई है।


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