
MP Congress : मध्यप्रदेश कांग्रेस प्रदेश में पार्टी को फिर से खड़ा करने के लिए लगाातार प्रयास कर रही है। पार्टी धीरे धीरे प्रदेश स्तर से लेकर जिला स्तर तक के नेताओं को एक्टिव करने में जुटी हुई हैं। प्रदेश कांग्रेस अब बीजेपी की तर्ज पर जिलाध्यक्षों में बादलाव करने जा रही है। इसके लिए पार्टी आलाकमान ने नया फार्मूला निकाला है। जिसके तहत पार्टी अब जिलों की कमान दलित, आदिवासी ओर ओबीसी को सौंपने की तैयार में है।
कांग्रेस लेकर आई नया फार्मूला
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि अहमदाबाद में हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में तय किया गया है कि जिलों की कमान इन तीनों वर्गो के हाथों में दी जाए और इस फार्मूले को सबसे पहले मध्यप्रदेश में लागू कर शुरूआत की जाए। पार्टी ने तय किया है कि जो जिले आदिवासी बाहूल्य है उन जिलों में आदिवासी नेता को जिले की कमान सौंपी जाए। तो वही जो जिले में दलित और ओबीसी बाहूल्य है वहां इन दोनों वर्गो के नेताओं को कमान दी जाए।
जिलाध्यक्ष को मिलेगा पावर
बता दें कि अहमदाबाद कांग्रेस राष्ट्रीय अधिवेशन में राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि हमने और राहुल जी ने एक प्रोसेस किया। आने वाले चुनावों में हम प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया में जिला अध्यक्षों को शामिल करेंगे। हमने ग्राउंड लेवल से इनपुट लिया है। खड़गे के इस बयान के बाद से तय माना जा रहा है कि अब जिलाध्यक्ष आने वाले किसी भी चुनाव में प्रत्याशी चयन में अपनी अहम भूमिका निभाते नजर आएंगे। इसके अलावा पार्टी जिला अध्यक्षों की नियुक्ति सर्तकता के साथ करेगी।
6 जिलों में अध्यक्ष नहीं
आपको यह भी बता दें कि मध्यप्रदेश कांग्रेस के 72 संगठनात्मक जिलों में अभी फिलहाल 6 जिलों में अध्यक्ष के पद खाली है। जिनमें रायसेन, कटनी, रतलाम ग्रामीण, बैतूल , खंडवा शहर और खंडवा ग्रामीण शामिल हैं। 72 में से 34 जिलाध्यक्ष सामान्य वर्ग से है। कांग्रेस जल्द ही प्रदेश में बदलाव की बयार लाने जा रही है।