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MP Budget Session 2024 :मोहन के बजट ने मोहा ‘मन’ शिक्षा, स्वास्थ्य-ऊर्जा को खूब दिया ‘धन’

MP Budget Session 2024 :मोहन के बजट ने मोहा ‘मन’ शिक्षा, स्वास्थ्य-ऊर्जा को खूब दिया ‘धन’

भोपाल। वित्त व उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने बुधवार को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 3,65,067 करोड़ रुपए का वार्षिक बजट विधानसभा में पेश कर दिया। यह पिछले वर्ष के बजट की तुलना में 16 फीसदी अधिक है। बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वर्ष 2047 तक भारत का विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। इस वर्ष में 11 नवीन योजनाएं  शुरू होने जा रही है। इसमें सिंहस्थ 2028 व विधायक कार्यालयों का डिजिटाइजेशन, नगर वनीकरण, कोडिंग लैब, मप्र शांति वाहन योजना प्रमुख हैं। बजट प्रस्तुत करते हुए उप मुख्यमंत्री देवड़ा ने कहा कि 5 वर्षो में वार्षिक बजट के आकार को दोगुना करने का निर्णय लिया गयाहै। 

कुशल वित्तीय प्रबंधन से आर्थिक गतिविधियों के विस्तार से प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय में निरंतर वृद्धि हो रही है। प्रचलित भावों के अनुसार प्रति व्यक्ति आय  एक लाख 42 हजार 565 रुपए है। वर्ष 2003 में यह महज 13 हजार 465 रुपए थी, अब यह 11 गुना बढ़ गई है। मप्र में दो करोड़ 30 लाख लोग गरीबी से बाहर आए हैं। बजट में सड़क, पुल, रेलवे ओवर ब्रिज के साथ ही साथ एक्सप्रेस-वे, नर्मदा प्रगति पथ, विन्ध्य एक्सप्रेस वे, मालवा निमाड़ विकास पथ, बुंदेलखंड विकास पथ व मध्य भारत विकास पथ जैसे कार्य प्रस्तावित हैं। एक हजार किमी सड़क तथा दो हजार किमी सड़कों का नवीनीकरण का लक्ष्य रखा गया है।

 जल जीवन मिशन के तहत घरेलू नल कनेक्शन की संख्या बढ़कर 70 लाख 86 हजार 293 हो गई है। पीएचई में 10 हजार 279 करोड़ का काम प्रस्तावित है। अमरकंटक व सारनी में 660-660 मेगावाट की नई बिजली इकाई का कार्य प्रस्तावित है। इसके साथ ही साथ नवीन व नवकरणीय ऊर्जा में सौर परियोजना शुरू की गई है। ऊर्जा के लिए 19,406 करोड़ रुपए का प्रस्ताव है। मप्र व राजस्थान के बीच पार्वती-कालीसिंध-चंबल अंतरराज्यीय नदी लिंक परियोजना पर सैद्धांतिक सहमति बनी है। इससे 10 जिलों में 4 लाख हेक्टेयर फसल की सिंचाई हो सकेगी। सिंचाई परियोजनाओं के लिए 13 हजार 596 करोड़ रुपए का प्रावधान है। मप्र में राज्य मिलेट मिशन गठित किया गया है। कोदो कुटकी पर 10 रुपए प्रति किलो की अतिरिक्त राशि दी जाएगी।

बजट में मुख्य योजनाओं के लिए यह रहेगा प्रावधान: मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना पर 18,984 करोड़, सरकारी स्कूलों की स्थापना पर 15,509 करोड़, माध्यमिक स्कूलों पर 6,290 करोड़, समग्र शिक्षा पर 5100 करोड़, अंशदायी पेंशन पर 500 करोड़, कृषि पंपों व थ्रेशरों पर 4775 करोड़, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन पर 4500 करोड़, हाईस्कूल व हायर सेकंडरी स्कूलों पर 4567 करोड़, अटल गृह ज्योत योजना पर 3500 करोड़, आंगनवाड़ी सेवाओं पर 3469 करोड़, बांध आदि पर 2860 करोड़ के अलावा अन्य प्रमुख योजनाओं व मदों पर राशि प्रस्तावित की गई हैं।

ऋण का उपयोग पूंजीगत कार्यों में नहीं होना चाहिए

राज्य सरकार पर बढ़ते ऋण के एक सवाल में देवड़ा ने कहा कि ऋण लेना गलत नहीं है, बशर्ते उसका उपयोग पूंजीगत कार्यों में नहीं होना चाहिए। उन्हाेंने कहा कि देश के सभी राज्यों की सरकारें ऋण लेती हैं, किंतु मप्र में हमेशा से निर्धारित सीमा के दायरे मंे है। बजट को सड़कें, सिंचाई, स्कूल, कॉलेज से लेकर सभी विकासात्मक कार्यो पर फोकस किया गया है। सरकार की कोशिश है कि कोई भी वर्ग बजट में वंचित नहीं रहे, इसकी पूरी कोशिश की गई है। उन्होंने कहा कि यह पांच वर्षो का संकल्पपत्र है। इसमें जो कहा है, वह करेंगे। जनता के बीच में किए वादे को हर हाल में पूरा करेंगे। किसी भी योजना के लिए राशि की कमी नहीं आने दी जाएगी।

बजट में कुछ इस तरह से होगी हिस्सेदारी

अधोसंरचना:  15 फीसदी
स्वास्थ्य : 13 फीसदी
नगरीय एवं ग्रामीण विकास: 12
शिक्षा : 11 फीसदी
सामान्य सेवा: 9 फीसदी
ब्याज भुगतान: 8 फीसदी
ऋण भुगतान : 8 फीसदी 
कृषि क्षेत्र : 7 फीसदी
पेंशन : 7 फीसदी
सामाजिक क्षेत्र : 6 फीसदी
अन्य सेवाएं:  2 फीसदी
राेजगार : 1 फीसदी
संस्कृति : 0.04 फीसदी

     स्वास्थ्य

21444 करोड़ का प्रावधान

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन 4500 करोड़
आयुष्मान भारत 1381 करोड़

बजट से ग्रामीण विकास एवं कृषि को मजबूती मिलेगी 

जट से ग्रामीण विकास को बढ़ावा मिलेगा, विकास के साथ रोजगार के नए-नए अवसर की ओर ध्यान दिया गया है। कृषि को टेक्नोलॉजी के साथ जोड़ने की योजना जिससे किसानों को लाभ हो, इनकी चिंतन की गई है। यह बजट गरीब, युवा, महिला एवं किसान पर फोकस किया गया है लेकिन शिक्षा, युवा और रोजगार की ओर चिंता करने की आवश्यकता है। 3 लाख 65 हजार 67 करोड़ का बजट वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए सरकार ने रखा है जो पिछले बजट से 16 प्रतिशत अधिक है। जबकि मुझे लगता है इसको 20 प्रतिशत के लगभग करना था। 

मध्यप्रदेश सरकार को केंद्र सरकार से इस वर्ष 38000 करोड़ रुपए अधिक मिला है। सरकार ने 19406 करोड़ रुपए ऊर्जा क्षेत्र के लिए, 42 लाख किसानों को सम्मान निधि, 48 लाख हेक्टेयर में सिंचाई योजना के लिए बजट में 300 करोड़ विशेष प्रदान किया है, 5 करोड़ गरीब लोगों को निशुल्क खाद्यान्न, पशुपालन के लिए बजट में 76 प्रतिशत अधिक गौशाला के लिए ढ़ाई सौ करोड़ का प्रावधान, प्राकृतिक खेती के लिए 30 करोड़, 520 करोड़ पशुपालन के लिए बजट में विशेष स्थान दिया गया है। किसानों को जीरो प्रतिशत पर ब्याज सबसे अच्छी बात की जनता पर कोई भी नया टैक्स का बोझ इस बजट में नहीं है। उज्जवला योजना के लिए 520 करोड़, दुग्ध उत्पादन योजना के लिए डेढ़ सौ करोड़, लाड़ली बहना लक्ष्मी योजना के लिए 36560 करोड, पीएम फसल बीमा योजना के लिए दो हजार करोड़, सीएम राइज स्कूल के लिए 667 करोड़, हेल्थ सेक्टर के लिए 21 हजार 144 करोड, जनजाति विकास क्षेत्र के लिए 46,806 करोड़, 5 जिलों में आयुर्वेद अस्पताल खोलें जाएंगे, आवास योजना के लिऐ 4 हजार करोड़।   

 कृषि आधारित उद्योग को बढ़ावा, विकास की योजना, रोजगार को प्राथमिकता के आधार पर बनाया, पर्यावरण एवं जल संरक्षण के विशेष प्रयास इस बजट में किया गया है। मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास आदि को मजबूती बजट में प्रदान की गई। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा के अनुभव इस बजट में स्पष्ट दिखता है। 

 मध्यप्रदेश में उद्योगों के लिए 1 लाख 20 हजार एकड़ से अधिक लैंड बैंक उपलब्ध है। उद्योगों के लिए 24 घंटे बिजली दी जा रही है। बेहतर कनेक्टिविटी के लिए प्रदेश में 3 लाख किमी. से अधिक सड़कों का जाल बिछाया गया है। प्रदेश ‘ईज ऑफ़ डुइंग बिजनेस’ की रेटिंग में अचीवर्स की श्रेणी में शामिल है। सिंगल विंडों सिस्टम से उद्योग स्थापना संबंधी प्रक्रिया में सरलता आई है। 27 हजार आठ सौ सत्तर करोड़ ग्रामीण विकास को दिए गए हैं। ग्राम पंचायत सचिव एवं ग्राम रोजगार सहायक के वेतन वृद्धि का भी स्वागत है।

बजट में युवा, गरीब, महिला, किसान सहित सभी वर्गों का रखा गया ध्यान

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वर्ष 2024-25 के बजट के लिए प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि प्रदेश में पहली बार 03 लाख 65 हजार करोड़ से अधिक की राशि का बजट प्रस्तुत किया गया है। बजट की यह विशेषता है कि इसमें किसी प्रकार का कोई टैक्स नहीं लगाया गया है। किसी भी विभाग की अपेक्षित राशि को कम नहीं किया गया, अपितु सभी विभागों के आवंटन में वृद्धि की गई है। विकसित भारत-विकसित मप्र की थीम पर प्रस्तुत बजट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपेक्षा अनुसार है। बजट में सभी वर्गों विशेषकर युवा, गरीब, महिला, किसान आदि का ध्यान रखा गया है। जीडीपी की ग्रोथ को सुनिश्चित करते हुए आगामी पांच वर्षों में बजट का आकार दोगुना किया जाएगा। आईटी सहित नवीन तकनीक के क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देते हुए प्रशासनिक सेवाओं में प्रदेश के युवा अधिक से अधिक संख्या में आए, इस उद्देश्य से उन्हें प्रोत्साहन व प्रशिक्षण उपलब्ध कराने तथा प्रदेश में उनका योगदान बढ़ाने के लिए दीर्घगामी योजना पर कार्य होगा।

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार

नेता प्रतिपक्ष प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मध्यप्रदेश सरकार के बजट पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह किसी से छिपा नहीं है सरकार कर्ज के रूप में घी पी रही है। ये पैसा भ्रष्टाचार में जाएगा। मंत्रियों के पास जाएगा, अधिकारियों के पास जाएगा और क्या होगा। घोषणा पत्र में लाड़ली बहनों को 3000 हजार रु. देने का वादा किया गया था लेकिन अब जो बजट आया है उसमें लाड़ली बहनों से धोखा किया जा रहा है। लाड़ली बहनों को सपने दिखाकर पूरा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की अब उन्हें बढ़ी हुई राशि नहीं दे रहे हैं। सिंघार ने यह भी कहा कि प्रदेश में 20 हजार करोड़ की जल जीवन मिशन योजना थी, अच्छी योजना थी लेकिन यह योजना भ्रष्टाचार की बलि चढ़ गई। सरकार युवाओं और रोजगार को लेकर निष्िक्रय है। लाखों युवा बेरोजगार हैं. बैकलॉग की भर्ती नहीं कर रही है।

 सांस्कृतिक पुनरूत्थान भी

संस्कृति, धार्मिक: 1081 करोड़
वेदांत पीठ की स्थापना: 341 करोड़
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना  50 करोड़
श्रीकृष्ण पाथेय योजना से श्री कृष्ण पथ और उससे संबंधित संरक्षण-संवर्धन
पर्यटकों की सुविधाओं पर 666 करोड़
पर्यटन अधोसंरचना का विकास: 122 करोड़
पीएम श्री हेली व वायु पर्यटन सेवा प्रारंभ

राघव जी भाई 

इस बजट को बेहतर माना जाना चािहए

यह बजट सामान्य बजट है। पिछले वर्ष की तुलना में इसमें 16 प्रतिशत का इजाफा किया गया है। यह स्वाभाविक है और इन हालातों में इसे बेेहतर ही माना जाएगा। बजट में पुलिस और शिक्षक भर्ती का प्रावधान स्वागत योग्य कदम है। नए मेडिकल कॉलेज खोलने से लेकर अटल कृषि ज्योति योजना में 5300 करोड़ और मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना में 4900 करोड़ का प्रावधान स्वागत योग्य कदम है। इन परिस्थितियों में इससे बेहतर करना मुश्किल है। प्रदेश सरकार द्वारा लगातार कर्ज लेने की प्रवृत्ति चिंताजनक है। इस बार बजट में 88 हजार करोड़ का कर्ज लेना चिंताजनक है क्योकि, पिछले वर्ष की तुलना में कर्ज को दोगुना करके लिया जा रहा है। कर्ज का  ब्याज चुकाने से सरकार पर बोझ बढ़ता ही जा रहा है। ब्याज का बोझ बढ़ने से योजनाओं पर खर्च करने में कमी करनी पड़ेगी। सरकार को चाहिए कि खर्च को कम करने का प्रयास कर आमदनी बढ़ाने पर जोर देना चाहिए। वित्तीय घाटा 3 फीसदी से बढ़कर 4.11 तक पहुंचना भी चिंताजनक है। आबकारी, स्टांप, पेट्रोल डीजल की मानिटिरिंग में सुधार करने से आमदनी बढ़ेगी। कर प्रणाली में बदलाव से आमदनी बढ़ाने के लिए करों की जगह स्वयं के साधन विकसित करने होंगे। ऐसे में केंद्र सरकार से विशेष पैकेज की मांग करना चाहिए। राज्य के विकास कार्यों के लिए केंद्र की सहायता की अत्यंत आवश्यकता है।

तरुण भनोत

इसमें विकास का काेई विजन नहीं

प्रदेश की भाजपा सरकार के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा द्वारा विधानसभा में प्रस्तुत बजट में विकास का कोई विजन नहीं है। यह सिर्फ भ्रष्टाचार करने के उद्देश्य से लाया गया है। यह सरकार कर्ज पर चल रही है। इसके पास विकास के लिए पैसा ही नहीं है। बजट में किसी नई योजना की घोषणा नहीं की गई है और वादे के अनुसार लाड़ली बहना योजना के तहत महिलाओं को दी जानी वाली राशि भी नहीं बढ़ाई गई है। भाजपा ने चुनाव में लाड़लियों के वोट इसी नाम पर लिए हैं। अब राशि न बढ़ाना उनके साथ धोखा है। बजट में जुमलेबाजी देखने को मिल रही है। इसमें कर्मचारियों और किसानों से किए वादे पूरे नहीं किए गए हैं। किसानों को उनकी उपज का उचित दाम नहीं दिया जा रहा है। जिस समर्थन मूल्य की घोषणा चुनाव के दौरान की गई थी, उसे पूरा नहीं किया गया है। सरकार द्वारा बनाए गए पुल, सड़कें और अन्य सरकारी इमारतें एक बारिश भी बर्दाश्त नहीं कर पा रही हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क सहित अन्य मदों के लिए राशि का प्रावधान तो किया गया है लेकिन सरकार के पास इन कामों के लिए पैसा ही नहीं है। 


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