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MP Budget 2024 : हंगामे के बीच वित्त मंत्री ने पेश किया मोहन सरकार का पहला पूर्ण बजट

MP Budget 2024 : हंगामे के बीच वित्त मंत्री ने पेश किया मोहन सरकार का पहला पूर्ण बजट

भोपाल। मोहन सरकार का पहला बजट आ गया है, जो 3.60 लाख करोड़ रुपए का है। इसमें हर वर्ग को साधने का प्रयास किया गया है। प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा द्वारा बुधवार को पेश किए अपने बजट में महिलाओं, किसानों, उद्योगों, युवाओं, स्वास्थ्य, शिक्षा का खास ध्यान रखा गया है। महिला एवं बाल विकास विभाग के लिए 26 हजार 560 करोड़ रुपए का प्रावधान है। महिला स्व-सहायता समूहों को बड़े बाजारों से जोड़ने के लिए 800 करोड़ रुपए का भी प्रावधान किया गया है। इसके अलावा हर जिले का एक कॉलेज पीएमश्री एक्सीलेंस कॉलेज में बदला जा रहा है। इनमें 2000 से अधिक नए पदों पर भर्तिंयां की जाएंगी। वहीं पुलिस विभाग में 7500 पदों पर, स्कूल शिक्षा विभाग में 11000 भर्तियां भी की जाएंगी।

जानिए एक्सपर्ट कमेंट

कोई नया कराधान नहीं, विकास योजनाओं-कार्यक्रमों की भरमार

मोहन यादव के नेतृत्व वाली मप्र सरकार का यह पहला बजट था । आज का बजट आशा के विपरीत है। अपेक्षा से कहीं अधिक नरम है । कोई नया कराधान नहीं है और विकास योजनाओं तथा कार्यक्रमों की भरमार है । बजट का ऐसा चरित्र सामान्यतया चुनावी साल में या उसके पहले वाले साल में होता रहा है । लेकिन फिलहाल न तो विधानसभा चुनाव और न लोकसभा चुनाव निकट भविष्य में होने वाले हैं। कुल मिलाकर विपक्ष के लिए आलोचना के अधिक अवसर यह बजट नहीं देता । विपक्ष के लिए यह एक चुनौती भी है। 
राजेश बादल, वरिष्ठ पत्रकार

चुनाव के साथ भूले वादों की याद दिलाता पहला बजट 

डॉ. मोहन की सरकार के पहले बजट ने उन तमाम वादों की याद ताजा कर दी जो विधानसभा चुनाव के समय मोदी की गारंटी के नाम से स्थापित हुए। कुछ वादे ऐसे भी थे, जिनके बारे में पीएम नरेंद्र मोदी ने ज्यादा कुछ नहीं बोला था। उनमें लाड़ली बहना के तहत दी जाने वाली राशि में वृद्धि सबसे ऊपर थी। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने भी इस योजना का जिक्र किया।  लेकिन, योजना के तहत मिलने वाली राशि में कोई वृद्धि  नहीं की। सरकार योजना को जारी रखेगी, इसकी पूरी संभावना मौजूदा बजट में दिख रही है। 

दिनेश गुप्ता, वरिष्ठ पत्रकार

लोकसभा का चुनाव हो चुका है। राज्य में अगले दो साल तक कोई चुनाव नहीं होना है। इस कारण मध्यप्रदेश के बजट में लोक-लुभावना कुछ भी दिखाई नहीं दिया। सरकार का पूरा ध्यान केन्द्र की अपेक्षाओं पर खरा उतरने पर है। जीएसटी लागू होने के बाद सरकार की निर्भरता केन्द्र सरकार पर ज्यादा है। इस कारण केंद्र की अपेक्षानुसार ही सरकार के पूंजीगत व्यय में 29 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत प्रदेश में 5 करोड़ 37 लाख हितग्राहियों को नि:शुल्क खाघन्न दिए जाने का जिक्र वित्त मंत्री ने किया है। इस बात का भी जिक्र है कि वर्ष 2013-2014 से 2022-2023 के बीच 2 करोड़ तीस लाख लोग गरीबी से बाहर आए हैं। इन दोनों आंकड़ों को देखने से लगता है कि प्रदेश के आम आदमी का जीवन अभी भी औसत स्तर से ऊपर नहीं आ पाया है। प्रति व्यक्ति आय के जरिए रोजगार उपलब्ध कराने की असफलता को छुपाने की कोशिश की गई है।
लाजपत आहूजा, वरिष्ठ पत्रकार

लाड़ली बहना के लिए करीब 19 हजार करोड़ का प्रावधान

मप्र सरकार के बजट में लगभग 19 हजार करोड़ का प्रावधान लाड़ली बहना योजना के लिए है। इसमें लाड़ली लक्ष्मी के 1200 करोड़ को मिला दिया जाए तो राशि 20 हजार करोड़ के ऊपर आता है। किसान कल्याण  के लिए भी 17 हजार करोड़ से ऊपर की राशि खर्च करेगी। प्रश्न ये है कि सरकार के प्राथमिकता कि सूची में इंफ्रास्ट्रक्चर कहां पर आता है। बिना इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टर्स मीट होते रहेंगे। शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्ता की कमी तथा महिला एवं बाल विकास के क्षेत्र में आशानुरूप विकास नहीं होना भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। 
रंजन श्रीवास्तव, वरिष्ठ पत्रकार


बजट से ऐसा लगता नहीं कि इन क्षेत्रों में कोई आमूलचूल परिवर्तन देखने को मिलेगा अगले एक वर्ष में। किसानों की आय दुगुना करने के लिए ठोस प्रावधानों की जरूरत थी। गाय और गौशालाओं के राशि के प्रावधानों को तीन गुना करने की बात है पर क्या इस राशि से पूरे प्रदेश में गौशालाओं का इतना विस्तार हो जाएगा कि गौवंश सड़कों पर ना दिखे और सड़कों पर दुर्घटनाएं ना हों? 


बृजेश राजपूत, वरिष्ठ पत्रकार

मगर कर्ज में डूबी सरकार कर्जा लेकर ही ये योजना भी चलाएगी। चुनाव जीतने के लिए सरकारें सब कुछ करती हैं तो शिवराज सरकार को ही क्यूं दोष दिया जाए। बजट में महिलाओं के लिए अनेक योजनाओं का जिÞक्र है। ऐसा लगता है कि शिवराज सरकार आने वाला चुनाव महिला और बालिका की भलाई की योजनाओं के दम पर ही चुनाव जीतने का सपना पाल रही है। बाकी बजट में कोई बहुत नयापन नहीं है।

बड़े सपने के साथ प्रदेश की मोहन सरकार का पहला बजट 

बजट में सभी क्षेत्र के लिए कुछ न कुछ प्रावधान करने की व्यवस्था रहती है। इस बजट में भी वह सब शामिल है। लेकिन आकर्षित करने वाली बात यह है कि पिछले साल के बजट की तुलना में इस बार का बजट 16% अधिक राशि का है। सरकार ने यह कल्पना भी बजट के माध्यम से प्रकट कर रही है कि आने वाले 5 साल में प्रदेश का बजट दोगुना हो जाएगा। यह बड़ा सपना है, जिसे मोहन सरकार देख रही है। इसके पीछे की कल्पना भारत सरकार की अर्थव्यवस्था को विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था बनने जा रही है, उसी के साथ कदमताल है। 


सुरेश शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार

भारत की अर्थव्यवस्था तभी प्रगति करेगी जब राज्यों की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा। मप्र इसमें सहभागीता करता हुआ दिखाई दे रहा है। 2024- 25 के आम बजट में विकास की परिकल्पनाओं के साथ एक ऊंची उड़ान का सपना भी शामिल है। सरकार ने पूंजीगत निवेश को बढ़ाने, सड़क, सिंचाई और बिजली की सुविधाओं को विस्तार देने का मानस बनाया है। रोजगार सृजन के तरीके और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में भी बजट में ध्यान रखा गया है। शिक्षा के क्षेत्र में बजट की राशि बढ़ाने से यह स्पष्ट हो रहा है कि राज्य में गुणवत्ता युक्त और रोजगार देने वाली शिक्षा का विस्तार किया जा रहा है। लाडली बहन योजना की राशि निरंतर मिलती रहे इसके लिए भी बजट में प्रावधान किया गया है। अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्ग के लोगों के सपने पूरे करने के लिए बजट की राशि में 16 से 23% तक की वृद्धि की गई है। राज्य का सकल घरेलू उत्पाद राजकोषीय घाटे की तुलना में 4.1% अनुमानित है जो सामान्य के अंतर्गत है। सिंचाई परियोजनाओं में सुधार के लिए नदियों को एक साथ जोड़ने के कार्यक्रम में बल मिले इसके लिए आर्थिक व्यवस्था की गई है। आईआईटी और आईआईएम के लिए भी व्यवस्थाएं की गई है। नए मेडिकल कॉलेज, मेट्रो रेल सहित सामाजिक क्षेत्र में विस्तार का ध्यान बजट में रखा गया है। कुल मिलाकर कर यह कहा जा सकता है कि आम जनमानस के लिए बजट राहत और सुविधाओं को बढ़ा सकता है। सरकार ने नए करारोपण से बचने का प्रयास किया है। लेकिन कुछ क्षेत्रों में अन्य राज्यों की तुलना में अधिक कर को कम करने के संबंध में सरकार हिम्मत नहीं जुटा पाई।


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