
Public Private Partnership : मध्यप्रदेश की मोहन सरकार ने गायों को चारे के लिए 20 रुपए के स्थान पर 40 रुपए प्रति दिन देने के साथ ही निवेशकों को आकर्षित करने मंगलवार को एक और बड़ा निर्णय लिया। इसके तहत मप्र में पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर मेडिकल कॉलेज खोलने वाले निवेशकों को एक रुपए में 25 एकड़ जमीन लीज पर दी जाएगी। पिछली कैबिनेट में भी इसी तरह के एक प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी, किंतु उसमें संशोधन कर दिया गया है। इससे कुल 11 जिलों में मेेडिकल कॉलेज खोला जा सकेगा। कैबिनेट की मंगलवार को मंत्रालय में हुई।
अब हो सकेंगे प्रमोशन
बैठक में एक दर्जन से अधिक प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने की। कैबिनेट में पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज खोलने को मंजूरी दी गई। पिछले प्रावधान में निवेशकों को खुद जमीन लेकर मेडिकल कॉलेज खोलना था, अब सरकार संशोधन के तहत इन्हें सरकारी जमीन लीज पर उपलब्ध कराएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अधिकारियों कर्मचारियों के प्रमोशन अब हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अधिकारियों कर्मचारियों की पदोन्नति का कार्य शीघ्र होगा।
इस योजना का बदला नाम
कैबिनेट ने राज्य में पशुपालन एवं डेयरी से संबंधित गतिविधियों में रोजगार के नवीन अवसर बढ़ाने, उत्पादकता बढ़ाने, किसानों की आय बढने से जीएसडीपी में वृद्धि और राष्ट्र की जीडीपी में योगदान बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री पशुपालन विकास योजना की निरंतरता (वर्ष 2024-25 तथा 2025-26) रखते हुए योजना का नाम डॉ. आंबेडकर पशुपालन विकास योजना रखे जाने को मंजूरी दी गई।
सरकारी नियंत्रण में ही रहेंगे जिला अस्पताल
सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि अब जिला अस्पताल पहले की ही तरह रहेंगे। यानी पिछले निर्णय में जिला अस्पतालों को प्राइवेट डेवलपर्स को ट्रांसफर करने में बदलाव किया गया है। अब जिला अस्पताल वैसे ही सरकारी नियंत्रण में रहेंगे। पीपीपी मोड के तहत मेडिकल कॉलेज विकसित किए जाने से प्रदेश में 4150 सीटें और बढ़ जाएंगी। मुरैना में 600 सीटर मेडिकल कॉलेज पीपीपी मोड पर खुलेगा। इसी तरह भिंड, बालाघाट और गुना में 400-400 सीटें, कटनी में 350, धार, खरगोन, बैतूल, पन्ना टीकमगढ़ और सीधी में 300-300 सीटर और अशोक नगर में 200 सीटर मेडिकल कॉलेज पीपीपी मोड पर खोले जा सकेंगे।