MP News : मध्यप्रदेश रेल नेटवर्क के लिहाज से सेंटर में है। रोड कनेक्टिविटी काफी बेहतर हुई है। अब हवाई यानी एविएशन के नक्शे पर राज्य को अहम दर्जा दिलाने की तैयारी है। इसके लिए प्रत्येक 150 किमी की दूरी पर कॉमर्शियल एयरपोर्ट विकसित किए जाएंगे। साथ में प्रदेश के हर क्षेत्र को हवाई सेवा से जोड़ने के लिए हवाई पट्टियों की संख्या बढ़ाई जाएगी। यह इस तरह विकसित की जाएंगी कि कहीं से भी एक घंटे में एयर स्ट्रिप तक पहुंचा जा सके। इसका फायदा उद्योगों, निवेश को बढ़ावा देने के साथ आपात स्थिति में भी मिल सकेगा।
एयर कनेक्टिविटी सुधरने से सफर में लगने वाले समय में भी कमी आएगी। राज्य की नई विमानन नीति के मसौदे में यह प्रस्तावित किया गया है। इसे अगले महीने कैबिनेट की बैठक में मंजूरी के लिए रखा जा सकता है। ध्यान देने लायक बात यह है कि मोहन सरकार हर क्षेत्र और वर्ग की पहुंच विमानों तक बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। फिलहाल प्रदेश में रीजनल कनेक्टिविटी योजना के तहत कम दूरी की उड़ानें संचालित की जा रही हैं। इसके अलावा, छोटे शहरों से भी दो राज्यों के बीच उड़ान शुरू करने पर विचार किया जा रहा है।
केंद्र से मिलती है मंजूरी
देश में कहीं भी नया एयरपोर्ट विकसित करने के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी लेना होती है। इसके लिए जमीन संबंधित राज्य सरकार मुहैया कराती है। मप्र में छह और एयरपोर्ट खोलने के लिए राज्य सरकार को यह प्रक्रिया करना होगी। हालांकि, बताया जा रहा है विभिन्न चरणों में एयरपोर्ट बनाए जाएंगे। पहले फेज में दो शहरों को लिया जा सकता है।
खुलेंगे छह और एयरपोर्ट
प्रदेश में हवाई सेवाओं का लगातार विस्तार किया जा रहा है। हाल में रीवा एयरपोर्ट का उद्घाटन किया गया। अब छह और एयरपोर्ट विकसित करने की प्लानिंग है। यह सतना, दतिया, उज्जैन, शिवपुरी, नीमच और सिंगरौली में बनाए जाएंगे। सभी शहर धार्मिक या औद्योगिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, प्रदेश में अभी 27 एयर स्ट्रिप हैं। कुछ का लंबे समय से उपयोग नहीं हो रहा था। ऐसे में स्थिति खराब हो गई थी। ऐसे में विमानन विभाग ने इनके विस्तार और बेहतर बनाने की योजना बनाई। इस पर अमल किया जा रहा है। सरकार निजी हवाई पट्टियों का भी इस्तेमाल कर सकती हैं। इसमें दमोह में डायमंड सीमेंट, शहडोल में ओरियंट पेपर मिल और नागदा में ग्रेसिम सीमेंट की स्ट्रिप शामिल हैं।