आरंग//डागेश यादव: राजधानी रायपुर से लगे आरंग विधानसभा क्षेत्र के ग्राम कठिया में गुरूवार शाम को बाबा शिवदास बंजारे तालाब को पैदल चलकर पार कर रहे थे। बाबा जब डूबने लगे तो रेस्क्यू टीम के चार गोताखोरों ने तालाब में उतरकर बाहर निकला। एक माह के दावों के आधार पर तालाब किनारे पहुंचे सैकड़ों लोगों को निराशा हाथ लगी।
आपको बता दें कि ग्रामीणों के अनुसार ग्राम कठिया निवासी 42 वर्षीय शिवदास बंजारे एक माह पूर्व से अपने ऊपर दिव्य शक्ति होने का दावा कर रहे थे। गांव के घर में समाधि लिए हुए बिना तेल के खाना-पीना बनाने का दावा कर रहे थे।
तालाब के एक छोर से दूसरे छोर पैदल पार करने का किया दावा :
आग के अंगारों पर खुले पैर चलने की बात कह रहे थे। सब बातों को सुनकर भव्य चमत्कार की बात गांव में जमकर फैलने लगी। इसके बाद उनके दर्शन करने लोगों की भीड़ लगने लगी। मेला जैसा माहौल होने लगा। उसके बाद शिवदास ने गांव के तालाब के पानी के ऊपर चलकर एक छोर से दूसरे ओर जाने का दावा करने लगे। उसके बाद गांव में मीटिंग आयोजित की गई, सर्व समिति से गांव में कामधाम बंद रखने की बात कही गई।
डूबने लगे तो गोताखोरों ने बचाई जान :
10 अक्टूबर को शाम 6 बजे बाबा पूजा अर्चना के बाद तालाब के पानी में उतरे। शिवदास बंजारे के चमत्कार को देखने तलाब पार पर सैकड़ों हजारों लोग मौजूद थे। थोड़ी दूर पानी में जाने बाद बाबा शिवदास तालाब में डूबने लगे और अपने हाथों से तैरने लगे। ऐसी हालत देखकर रायपुर से पहुंची रेस्क्यू टीम के 4 सदस्य गोताखोर जवान तालाब में जंप लगाई। गोताखोर अजय शर्मा, अमृत, जितेंद, राघवेंद्र ने बाबा शिवदास के पास पहुंचे और पकड़कर लाइफ जैकेट के माध्यम से बाहर निकाला।
पुलिस व राजस्व के अफसर भी पहुंचे थे :
गांव में शिवदास के पानी के ऊपर चलने के दावों के कारण भारी भीड़ थी। व्यवस्था व सुरक्षा के मद्देनजर मंदिर हसौद थाना प्रभारी सचिन सिंग पुलिस टीम के साथ मौजूद थे। इनके अलावा मंदिर हसौद तहसीलदार राजकुमार साहू कुछ पटवारियों के साथ मौके पर पहुंचे हुए थे। गांव के सरपंच रूपेंद्र कुमार वर्मा, पंचायत की पंचों के साथ मौजूद रहे।
खुली पोल, लोगों का टूटा भ्रम :
बाबा शिवदास के पानी के ऊपर तालाब में चलने के दावों का जमकर प्रचार प्रसार हुआ, जिससे आसपास के ग्रामों से ग्रामीण हजारों की संख्या में कार, मोटर साइकिल व अन्य माध्यमों से करीब दो हजार लोग पहुंचे थे। बाबा शिवदास के पानी में डूबने से बचने तैरने व गोताखोरों के बचाने को देखकर लोगों का भ्रम टूट गया। इसके बाद तरह- तरह की चर्चाएं होने लगीं।
फ़िलहाल अंधविश्वास को बढ़ावा देने वाले इस दावे पर प्रशासन क्या रुख अपनाती है इस पर लोगो की नजर बनी हुई है।