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MGU : मानसरोवर ग्लोबल यूनिवर्सिटी में आयुर्वेद की चुनौतियां एवं समाधान विषय पर संवादम 2024

MGU : मानसरोवर ग्लोबल यूनिवर्सिटी में आयुर्वेद की चुनौतियां एवं समाधान विषय पर संवादम 2024

भोपाल।आयुर्वेद की दृष्टि और अस्तित्व की बात करें तो आयुर्वेद में संस्कृत का बड़ा महत्व है। आयुर्वेद का मूल तत्व और मूल सूत्र संस्कृत में उपलब्ध है। इसी भाषा के माध्यम से हम आयुर्वेद और शास्त्रों के बेहतर तरीके समझ पाएंगे। यह बात एनसीआईएसएम के अध्यक्ष डाॅ. रघुराम भट्ट ने आयुर्वेद की चुनौतियां एवं समाधान पर चर्चा करते हुए कही। उन्होंने कहा कि एनसीआईएसएम का प्रयास है कि विश्वविद्यालयों में आयुर्वेद के प्राध्यापकों की नियुक्ति में संस्कृत के ज्ञान की अनिवार्यता और विश्वविद्यालयों में संस्कृत क्लब और संस्कृत लैब की स्थापना हो। वे मानसरोवर ग्लोबल यूनिवर्सिटी के संवादम 2024 में बोल रहे थे।

मानसरोवर ग्लोबल यूनिवर्सिटी में आयुर्वेद की चुनौतियां एवं समाधान विषय पर आयोजित संवादम 2024 का आयोजन    हिनौतिया आलम स्थित मानसरोवर प्रांगण में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि एनसीआईएसएम के अध्यक्ष डाॅ. रघुराम भट्ट, आरोग्य भारती के राष्ट्रीय संगठन सचिव डाॅ. अशोक कुमार वार्ष्णेय, सहित मानसरोवर ग्लोबल यूनिवर्सिटी के चीफ एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर गौरव तिवारी, प्रो चांसलर डाॅ. अरूण कुमार पाण्डेय, कुलगुरू डाॅ. ए.एस. यादव, आरोग्य भारती के राष्ट्रीय सचिव डाॅ. प्रशांत गुप्ता, मानसरोवर समूह के आयुर्वेद संचालक डाॅ. बाबुल ताम्रकर, मानसरोवर आयुर्वेदिक मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. अनुराग सिंह राजपूत, श्री साईं इंस्टीट्यूट आॅफ आयुर्वेद के प्राचार्य डाॅ. भारत चैरागड़े और फैकल्टी ऑफ़ आयुर्वेदा के प्राचार्य डाॅ. श्रीकांत पटेल ने दीप प्रज्वलित कर किया।

 मुख्य अतिथि आरोग्य भारती के राष्ट्रीय संगठन सचिव डॉ अशोक कुमार वार्ष्णेय ने कहा कि आयुर्वेद को बढ़ावा देने में सरकार का महत्वपूर्ण योगदान है। इसके लिए भारत सरकार ने अलग से आयुष मंत्रालय की स्थापना की जिसके माध्यम से आयुर्वेद के क्षेत्र में रोजगार सृजन में भी काफी बढ़ोत्तरी हुई है। इतना ही नहीं आयुष मंत्रालय का बजट भी पिछले दस सालों में पांच गुना बढ़ा है। जिससे आयुर्वेद के क्षेत्र में संभावनाएं बढ़ी हैं। 

इससे पहले मानसरोवर ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूशन्स के चीफ एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर गौरव तिवारी ने कहा कि शिक्षा, प्रशिक्षण, अनुसंधान सहित मानसरोवर में आयुर्वेद की सभी शाखाओं में बेहतरीन उपचार सेवाएं भी उपलब्ध हैं। उन्होंने अतिथियों के स्वागत में कहा कि मानसरोवर का सौभाग्य है कि यहां आयुर्वेद के क्षेत्र में शीर्षतम पर बैठे महानुभाव शिरकत करते हैं।विश्वविद्यालय के लिए गर्व का विषय है कि देश भर में आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए हम लगातार प्रयासरत हैं। इसी क्रम में मुख्य अतिथियों द्वारा दीक्षारम्भ स्मारिका का विमोचन किया गया। कार्यक्रम के दौरान अतिथियों द्वारा मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी जबलपुर की परीक्षा में टाॅप रैंक हासिल करने वाले मानसरोवर आयुर्वेद संकाय के विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मानसरोवर समूह के तीनों आयुर्वेदिक महाविद्यालयों से शिक्षक-शिक्षिकाएं और विद्यार्थीगण मौजूद रहे।


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