रायपुर। एमआईसी की बैठक के बाद महापौर एजाज ढेबर का बयान सामने आया है। बैठक में शारदा चौक चौड़ीकरण, टैक्स, बुढा तालाब चौपाटी पर चर्चा हुई. अम्लीडीह में कई करोड़ की नौ एकड़ जमीन जिसमें कॉलेज बनना था उसे एक बिल्डर को दे दी गई. चतुराई अपनाई गई जब 152 प्रतिशत इस्तेमाल कर रहे थे उसके दो दिन पहले इस्तेमाल करके जमीन कब्जा कर ली गई।
इन मुद्दों पर हुई चर्चा
सबसे ज्यादा चर्चा मच्छर को लेकर हुई है। शहर में मच्छर पर रोक लगाने दुर्ग की एक कंपनी को तीन महीने के ट्रायल पर टेंडर दिया गया था लेकिन दो महीने में लग रहा की सबसे ज्यादा मच्छर रायपुर में है। टेंडर रद्द करने पर भी चर्चा की गई। नामकरण, पेवर लगने और स्कूल में संविदा नियुक्ति पर चर्चा की गई साथ ही कुल 17 विषय पर चर्चा हुई जिसमें चार अतिरिक्त थे।
भ्रष्टाचार पर पूछे सवाल
तेलीबांधा रोड सौंदर्यीकरण पर सरकार के द्वारा की गई कार्यवाई को गलत बताते हुए महापौर एजाज ढेबर ने कहा कि तेलीबांधा का एक रुपए भी नगर निगम का नहीं लगा है फिर भ्रष्टाचार किस बात का, केवल दिखाने के लिए अधिकारियों की बलि चढ़ा दी गई। भ्रष्टाचार आखिर किसे कहते हैं, यह बता दें, CSR फण्ड के जरिए काम हो रहा था। किसी के ऊपर कोई कार्रवाई हो रही है तो उन्हें नोटिस देना चाहिए बिना नोटिस के ही उनको निलंबित कर दी गई। इस बात कर आपत्ति जताया गया। सर्वसम्मति से सोमवार को फिर एमआईसी की बैठक तय की गई है।