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Kaun Banega Crorepati: सनस्टोन की छात्रा प्रियल पोरवाल ने KBC पर अपने पिता के सपनों को किया साकार

Kaun Banega Crorepati: सनस्टोन की छात्रा प्रियल पोरवाल ने KBC पर अपने पिता के सपनों को किया साकार

रतलाम: अक्सर सपनों को साकार करने में कई पीढ़ियां लग जाती हैं, लेकिन सनस्टोन द्वारा पॉवर्ड सेज इंदौर में फाइनल ईयर बीसीए की छात्रा, 25 वर्षीय प्रियल पोरवाल ने मिनटों में अपने परिवार का भाग्य बदल दिया। प्रियल ने "कौन बनेगा करोड़पति" (KBC) के मंच पर पहुंचकर अपने पिता के सपने को साकार किया है। प्रियल लम्बे समय से KBC में आने की कोशिश कर रही थीं। कई बार कोशिश करने के बाद आखिरकार वे इस प्रतिष्ठित मंच तक पहुंच ही गईं। वे फास्टेस्ट फिंगर फर्स्ट राउंड में आने वाली सबसे कम उम्र की प्रतिस्पर्धी हैं, साथ ही उन्होंने अपने पिता के 25 साल पुराने सपने को भी साकार किया है। 

केबीसी के मंच तक पहुंचने के लिए की बहुत मेहनत : 

इस यात्रा के दौरान सनस्टोन सेज इंदौर में हैड ऑफ डिपार्टमेन्ट- टेक्नोलॉजी, अर्पिता तिवारी, प्रियल की मेंटर रहीं। प्रियल मृदुभाषी और संकोची स्वभाव की हैं। शुरूआत में वे इस तरह के बड़े प्लेटफॉर्म्स पर आने से हिचकिचाती थीं। हालांकि, अर्पिता ने उन्हें विभिन्न क्लब एक्टिविटीज़ में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया, और इस प्रकार उनकी मदद से धीरे-धीरे काजल का आत्मविश्वास बढ़ने लगा। इस अनुभव ने उन्हें केबीसी जैसे विशाल एवं भव्य मंच के लिए तैयार किया।

पिता के जन्मदिन के दिन ही शूट किया गया एपिसोड:

संयोग से उनका एपिसोड 4 मार्च को शूट किया गया, जब उनके पिता का जन्मदिन होता है। ऐसे में, इस भावनात्मक स्पर्श ने इस अनुभव को और भी यादगार बना दिया। हालांकि, वे बड़ी राशि नहीं जीत पाईं, लेकिन उनके पिता की आंखों में दिख रही खुशी और गौरव की भावना अपने आप में अमूल्य है। प्रियल पोरवाल ने अपना उत्साह साझा करते हुए कहा, “केबीसी के मंच तक पहुंचना अपने आप में अद्भुत अनुभव था। मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि मैं अपने पिता के सपने को साकार कर सकूंगी। मेरी शैक्षणिक यात्रा के दौरान सनस्टोन से मिले सहयोग ने मुझे इस मुकाम तक पहुंचने में मदद की है।” 

सभी को प्रियल पर गर्व : 

इस अवसर पर खुशी व्यक्त करते हुए अर्पिता तिवारी ने कहा, ‘‘अपनी हिचकिचाहट से बाहर निकल कर जिस तरह से प्रियल आत्मविश्वास के साथ केबीसी के मंच तक पहुंची, यह देखकर बहुत अच्छा लगता है। बीते समय में वे न सिर्फ एकेडमिक रूप से विकसित हुई हैं, बल्कि उन्होंने एक्स्ट्रा करिक्यूलर एक्टिविटीज़ में भी शानदार परफॉर्म किया है। मुझे उनकी यात्रा पर गर्व है।”

सपनों और मजबूत इरादे की क्षमता की कहानी : 

सनस्टोन के सह-संस्थापक एवं सीईओ आशीष मुंजाल ने गर्व के साथ कहा, ‘‘हमें प्रियल पर गर्व है। उनकी कहानी सपनों और मजबूत इरादे की क्षमता को दर्शाती है। सनस्टोन में हम हमेशा से अपने छात्रों को बड़े सपने देखने और बाधाओं को पार करने के लिए प्रेरित करते हैं।” प्रियल की यात्रा छोटे नगरों के बहुत-से छात्रों के लिए उम्मीद की किरण है, जिन्होंने साबित कर दिया है कि यदि आप जुनून के साथ कड़ी मेहनत करते हैं, तो आपके सपनों को साकार होने से कोई भी नहीं रोक सकता है।
 


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