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BHOPAL NEWS: नई शराब नीति को जीतू पटवारी ने बताई "कमीशन पॉलिसी", कहा - सरकार बड़ी वसूली की तैयारी में ..

BHOPAL NEWS: नई शराब नीति को जीतू पटवारी ने बताई "कमीशन पॉलिसी", कहा - सरकार बड़ी वसूली की तैयारी में ..

भोपाल : मध्य प्रदेश की मोहन सरकार जल्द ही प्रदेश में नई आबकारी नीति लागू करने जा रही है। जिसको लेकर पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने बड़ा बयान देते हुए एक बार फिर प्रदेश की बीजेपी सरकार पर हमला बोला है। जीतू पटवारी  ने नई आबकारी नीति को नई कमीशन पॉलिसी बताते हुए कहा कि  मोहन सरकार मुद्दे से ध्यान भटका कर बड़ी वसूली, बड़े कमीशन की बड़ी तैयारी कर रहे हैं!

शराब दुकान के 100 मीटर के दायरे में होगी  "मिनी बार"

नई शराब नीति पर पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने सरकार को घेरते हुए सोशल मीडिया X पर लिखा कि चर्चा है कि शिवराज सरकार के कार्यकाल में बंद शराब अहातों की जगह मोहन सरकार परमिट रूम खोलने की तैयारी कर रही है! अब शराब दुकान से 100 मीटर के दायरे में ही "मिनी बार" के तौर पर लाइसेंस दिए जाएंगे! जहां बैठकर लोग शराब पाएंगे!

प्रदेश में खोली जाएगी 211 नई दुकानें

इसके साथ ही 211 नई दुकानें खोलने का भी प्रस्ताव है! यह तब हो रहा है, जब 2005 में 2270 की जगह 2025 में 3605 दुकानें हो गई हैं! नई आबकारी नीति, यानी नई "कमीशन पॉलिसी" में 80% पुरानी शराब दुकानों के ठेके 20% बढ़ोतरी के साथ रिन्यू होंगे! 2024-25 में करीब 14 हजार करोड़ का कारोबार करवाने वाली @BJP4MP 25-26 में 16 हजार करोड़ की "वसूली" करेगी!

'सरकारी-अपराध' अब 'सरकारी पाप' बन रहा 

पटवारी ने आगे कहा कि सीएम मोहन यादव जी, धार्मिक नगरों में शराब पर प्रतिबंध की बात कर आप असल मुद्दे से ध्यान भटका रहे हैं! बड़ी वसूली, बड़े कमीशन की बड़ी तैयारी कर रहे हैं! उम्मीद थी पुण्य की लालसा में धर्मनगरी में पला व्यक्ति 'नशे के नाश' को समझेगा! किंतु, आपने तो पुरानी सरकार को भी पछाड़ दिया है! कमीशन की 'सरकारी-हवस' पीढ़ियों को बर्बाद कर रही है! 'सरकारी-अपराध' अब 'सरकारी पाप' बन रहा है! ये पाप बंद करो। 

जानें क्या है नई आबकारी नीति

दरअसल, प्रदेश में सीएम मोहन नई आबकारी नीति लागू करने की तैयारी कर रही है। जिसके तहत प्रदेश में 10 से 15 फीसदी तक शराब की कीमत कम कर दी जाएगी। तो वही  सरकार  शराब पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने की तैयारी कर रही है । अगर ऐसा होता है तो शराब के दाम पहले से अधिक बढ़ जाएंगे। जिसके चलते शराब प्रेमियों को बड़ा झटका लग सकता है। हालांकि अभी आबकारी विभाग द्वारा तैयार प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है। दोनों मुद्दों आखिरी फैसला कैबिनेट की बैठक में होगा। आबकारी विभाग ने इस वित्तीय वर्ष में 16 हजार करोड़ रु. के राजस्व का टारगेट तय किया है। 


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