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MP POLITICS : यूनियन कार्बाइड के कचरे पर जीतू पटवारी का बड़ा बयान, कहा - जमीन खाली कराने सरकार ने किया षड्यंत्र, CM पर कसा तंज

MP POLITICS : यूनियन कार्बाइड के कचरे पर जीतू पटवारी का बड़ा बयान, कहा - जमीन खाली कराने सरकार ने किया षड्यंत्र, CM पर कसा तंज

भोपाल : यूनियन कार्बाइड का 40 साल पुराना कचरा भोपाल से पीथमपुर शिफ्ट होते ही प्रदेश में सियासत तेज हो गई है। रहवासियो से लेकर राजनेता तक कचरा नहीं जलाने की मांग कर रहे है। हालांकि इस मामले में कोर्ट के आदेश पहले ही सामने आ चुके है। जिसके तहत जल्द से जल्द इस कचरे को जलाना है । तो वही दूसरी तरफ पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने मामले में बड़ा बयान देते हुए कहा कि सरकार ने जमीन खाली कराने किया षड्यंत्र। बीजेपी पागल हाथी की तरह काम कर रही है। 

यूनियन कार्बाइड के कचरे के पीछे भू माफियाओं का खेल

इसके साथ ही पटवारी ने आगे कहा कि लोगों ने बीजेपी पर भरोसा किया था। लेकिन पिछले एक महीने से भ्रष्टाचार का आलम मध्य प्रदेश का मुंह काला कर रहा है। यूनियन कार्बाइड के कचरे के पीछे भू माफियाओं का खेल है। इसलिए आनन फानन में कचरे को पीथमपुर शिफ्ट किया गया। पीथमपुर, इंदौर, धार जिले में दहशत है, लोग खुदको आग लगा रहे हैं। सरकार ने ऐसी चोरी क्यों की ???  वही मंत्री विजयवर्गीय कह रहे हैं कि उन्हें कुछ पता ही नहीं था। 

कचरे के निष्पादन की प्रक्रिया को रोका जाना चाहिए

पटवारी ने कहा कि कचरे के निष्पादन की प्रक्रिया को रोका जाना चाहिए। सीएम ओर विजयवर्गीय कह रहे है कि 25 साल में जहरीला तत्व खत्म हो चुका है। क्या ये लोग वैज्ञानिक हैं जो इन्हें पता है कि अब कचरा जहरीला नहीं है। रामकी कंपनी के आस पास के 10 किलोमीटर का एरिया पहले ही प्रदूषित हो चुका है। बीजेपी पागल हाथी की तरह काम कर रही है। जनता के लिए कुछ करने की बजाय सिर्फ भ्रष्टाचार हो रहा है। 

गैस प्रभावित लोगों को जमीन दे सरकार - कांग्रेस की मांग 

मोहन यादव जी को कचरा निष्पादन को रोका जाए। किसी को भी हिंसक आंदोलन नहीं होना चाहिए। लोग जलने लगे है अब तो सरकार को जागना चाहिए। जमीन खाली कराने के पीछे सरकार का षड्यंत्र है। कांग्रेस पार्टी मांग करती है गैस प्रभावित लोगों को ही जमीन दे सरकार। 

डायरी में बीजेपी और मंत्री पूर्व मंत्रियों के नाम है लिखे

इसके साथ ही जीतू पटवारी ने सौरभ शर्मा मामले में भी उसकी डायरी को सार्वजनिक करने की मांग की। जीतू ने कहा कि डायरी और सौरभ शर्मा दोनों को अस्तित्व  खतरे में है। डायरी में बीजेपी और मंत्री पूर्व मंत्रियों के नाम लिखे है। इसलिए मामले की केस फाइल नहीं की जा रही उजागर। 


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