जबलपुर। प्रदेश की पहली मटर मंडी में दलदल में तब्दील हो गई, जिससे किसानों की करीब 250 टन मटर खराब हो गई। इसकी अनुमानित कीमत 1 करोड़ बताई जा रही है। दो दिन की बारिश के चलते पूरी मंडी में कीचड़ पसर गया, जिससे यहां आने वाले सैकड़ों वाहन भी खराब हो गए। यह मंडी पहले जबलपुर शहर में स्थित थी, लेकिन वहां ट्रैफिक बाधित होने के कारण पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों समेत जनप्रतिनिधियों ने करीब एक माह पहले बैठक कर यह निर्णय लिया कि अब औरिया बाईपास के पास मटर मंडी बनाई जाए। इस मंडी से न केवल जबलपुर बल्कि आसपास के जिलों से आने वाले मटर की खरीदी की भी जाएगी।
दलदल के बीच मटर लेकर आए 100 से ज्यादा लोडिंग वाहन बुरी तरह फंस गए। गाड़ियों में लोड मटर को कीचड़ के कारण दूसरी जगह शिफ्ट करना भी संभव नहीं हो पाया, जिससे बड़ी मात्रा में मटर खराब हो गया। इस मंडी से मटर मध्यप्रदेश के अलावा दिल्ली, महाराष्ट्र समेत छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश और पश्चिम बंगाल में भी सप्लाई होता है।
ये मटर 50 से ज्यादा वाहनों में रखी हुई थी। कृषि उपज मंडी के सचिव मनोज चौकीकर ने भी माना कि बारिश के कारण नई मटर मंडी में अव्यवस्था हुई थी, लेकिन अब डस्ट, मिट्टी और मुरम डालकर रोलर चलाया गया है। उन्होंने कहा कि एक-दो दिन में सभी व्यवस्थाएं सामान्य हो जाएंगी और किसानों व व्यापारियों को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।