MP Assembly Session: मध्यप्रदेश की मोहन सरकार जमीन से जुड़ा एक नया कानून लाने पर विचार कर रही है। सरकार अब जमीन के बदले जमीन देने के फार्मूले पर काम कर रही है। यानी प्रदेश में जमीन के बदले जमीन दी जाएगी, मुआवजा नहीं दिया जाएगा। सरकार इस कानून को मध्यप्रदेश विधानसभा बजट सत्र में पारित करने जा रही है। सरकार प्रदेश में गुजरात का फॉर्मूला अपना चाहती है।
गुजरात फार्मूले पर मोहन सरकार!
दरसअल, जमीन के बदले मुआवजा देने में लेटलतीफ होती आई है। जिसके चलते सरकार को विरोध का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं सही मुआवजा नहीं मिलने पर भी सरकार को विरोध देखना पड़ता है। इस समस्या से निपटने के लिए मोहन सरकार गुजरात फार्मूला अपनाते हुए जमीन के बदले जमीन देने का कानून लाने का विचार कर रही है। अगर यह कानून लागू किया जाता है जमीन के बदले मुआवजा नहीं दिया जाएगा।
विस्तार से समझे...
दरअसल, सरकार किसी भी प्रोजक्ट को शुरू करने के लिए जमीनों का अधिकग्रहण करती है। जिसके बदले में सरकार मुआवजा देती है, लेकिन अक्सर कई बार मुआवजा देने में देरी हो जाती है। जिसके चलते सरकार को कई बार विरोध का सामना करना पड़ता है। इसी के चलते सरकार अब जमीन के बदले 50 फीसदी जमीन देने के फार्मूले पर विचार कर रही है। अगर यह फार्मूला लागू होता है तो जमीन मालिक को समस्या नहीं होगी, वही सरकार के निर्माण कार्य समय से शुरू करने में देरी भी नहीं होगी।
नहीं मिलेगा मुआवजा
आपको बता दें कि एमपी के पड़ोसी राज्य गुजरात में यही फॉर्मूला लागू है। गुजरात में जमीन अधिग्रहण करने के बाद सरकार जमीन मालिक को दूसरी जगह 50 फीसदी जमीन देती है। मुआवजा नहीं देती है। मोहन सरकार भी यही फॉर्मूला प्रदेश में लागू करना चाहती है। यह भी बता दें कि यही कानून महाराष्ट्र में भी लागू है।