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खबर का असर: शिक्षा के मंदिर में हुआ जमकर खेला, करोड़ों फूंके लेकिन धरातल पर तस्वीर विपरीत, सवालों के घेरे में निर्माण एजेंसी RES विभाग...

खबर का असर: शिक्षा के मंदिर में हुआ जमकर खेला, करोड़ों फूंके लेकिन धरातल पर तस्वीर विपरीत, सवालों के घेरे में निर्माण एजेंसी RES विभाग...

सैय्यद वाजिद/ मुंगेली: हाल ही में मुख्यमंत्री विष्णुदेव् साय ने स्कूल जतन योजना में हुए कार्यो पर गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए जांच के आदेश दिए है. तो सीएम साहब पहली जांच मुंगेली से शुरू हो यहां शिक्षा के मंदिर में अतिरिक्त भवन एवं मरम्मत के नाम पर बड़ा खेला हुआ है. उच्च स्तरीय जांच हो तो बड़ा घोटाला उजागर होगा. शिक्षा विभाग ने निर्माण एजेंसी RES विभाग के किये कार्यो पर भिन्नता पाते हुए सवाल खड़ा किया है वही जिन स्कूलों में मरम्मत कार्य कराया गया है वहा स्कूल प्रबंधन ने असंतुष्टि जाहिर की है मामले पर कलेक्टर कार्यो की समीक्षा की बात कर रहे है.

शिक्षा विभाग और RES विभाग की प्रगति रिपोर्ट पर भारी भिन्नता

शासन की मंशा थी जर्जर स्कूल पर अतिरिक्त भवन एवं मरम्मत करके एक बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करके बच्चो को सुव्यवस्थित भवन में शिक्षा देना. जिसके लिए पिछली सरकार ने मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के तहत मुंगेली जिले के 541 स्कूलों को चिन्हांकित करके अतिरिक्त भवन निर्माण एवं मरम्मत कार्य की स्वीकृति दी गई. इससे पहले की योजना को अमलीजामा पहनाया जाता उससे पहले inh 24×7 की मुहिम की खबर का असर से योजना में बड़ा गड़बड़झाला को उजागर कर दिया. हाल ही में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने स्कूल जतन योजना में किये गए कार्य पर नाराजगी जाहिर करते हुए मामले पर जांच के आदेश दिए है. इस जांच के आदेश के पूर्व ही inh 24×7 की विशेष मुहिम "स्कूल कितने तैयार" पर मुंगेली जिले के जर्जर स्कूल की खास खबर प्रसारित की गई थी इस खबर में बताया गया था कि किस तरह स्कूल शिक्षा विभाग के नए सत्र 2024-25 में बच्चे जर्जर स्कूल भवन पर शिक्षा ग्रहण किस तरह से कर रहे है इस आंकड़े के साथ प्रसारण किया गया था इस खबर पर मुंगेली कलेक्टर राहुल देव के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने जर्जर स्कूल की जानकारी BEO और BRC के माध्यम से मंगवाया था जिसपर एक बड़ा घोटाला उजागर हुआ है.

दरअसल मुंगेली जिले में मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के तहत 541 स्कूलों में अतिरिक्त भवन एवं मरम्मत के कार्य किये जाने थे. जिसपर शिक्षा विभाग ने योजना की निर्माण एजेंसी RES विभाग को 15 करोड़ 41 लाख 75 हजार रुपये भुगतान किए थे इसपर RES विभाग ने शिक्षा विभाग को अपने रिपोर्ट में 499 स्कूल के कार्य पूर्ण,16 प्रगतिरत एवं 27 स्कूल अप्रारंभ बताते हुए. अप्रारंभ स्कूलों की राशि 66 लाख 97 हजार 60 रुपये शिक्षा विभाग को वापस किया. INH 24×7 की खबर के बाद शिक्षा विभाग द्वारा जिले के तीनों ब्लाक के BEO और BRC से भौतिक सत्यापन करके रिपोर्ट मंगवाए गए थे जिसपर RES विभाग और शिक्षा विभाग के रिपोर्ट में भारी भिन्नता पाई गई.RES विभाग ने अपने रिपोर्ट में 541 स्कूलों में जिन 27 स्कूल को अप्रारंभ बताया इसके अलावा शिक्षा विभाग के रिपोर्ट पर 62 स्कूल में कार्य अप्रारंभ पाया गया है इस तरह कुल 89 स्कूलों में कार्य प्रारंभ नही होना दर्शित किया गया जबकि RES विभाग ने इन स्कूलों का कार्य पूर्ण बताया है.मामले की पड़ताल करने जब INH की टीम धरातल में कई स्कूलों का वस्तुस्थिति जाना तो आलम बिल्कुल विपरीत था. हमने जिले के कई स्कूलों का जायजा लिया जिसमें RES विभाग ने जहा कार्य पूर्ण बताया है वहा अधिकांश कार्य की शुरुआत ही नही हुई. वही शिक्षा विभाग की भौतिक सत्यापन में भी वो कार्य अप्रारंभ स्थिति में ही मिले.

जतन नही हुआ स्कूल तो गर्त में गई शिक्षा व्यवस्था,गुणवत्ता पर विभाग ने जताई असंतुष्टि

प्राथमिक शाला सोनपुरी जिसका संकुल केंद्र बांकी है वहा स्कूल ऐसे जर्जर की बच्चे जीवन को दांव में रखकर शिक्षा ग्रहण कर रहे है 2 कमरे वाला यह स्कूल जिसमे 1 कमरा बेहद जर्जर पड़ा हुआ है वही एक कमरे में 103 बच्चे पढ़ाई करते है इसी कमरे पर स्कूल के समान कापी किताब ड्रेस जरूरी सामान के साथ स्कूल आफिस संचालित किए जा रहे है...इस स्कूल में मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के तहत छत ढलाई सहित मरम्मत कार्य के लिए 4 लाख 62 हजार रुपये स्वीकृत किये गए थे लेकिन घोटाला ऐसा की RES विभाग ने पूर्ण बताकर राशि का बंदरबांट कर लिया है...इस स्कूल के प्रधान पाठक एवं संकुल समन्यवक बताते है कि स्कूल संचालन करने में बड़ी दिक्कत होती है वही स्कूल जतन योजना में कार्य की शुरुआत करने के लिए जो मटेरियल लाया गया था वह सही तरीके से निर्माण करने की बात पर निर्माण एजेंसी RES विभाग के ठेकेदार द्वारा मटेरियल उठाकर वापस ले गए और कार्य अप्रारंभ स्थिति में पड़ा हुआ है जिसकी जानकारी विभाग को दी गई है वही RES द्वारा इसे पूर्ण बताकर भुगतान के विषय मे अधिकारी बेहतर बता पाएंगे लेकिन कार्य हुआ ही नही तो राशि कैसे आहरित होगा...मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना में मुंगेली जिले के जिन 541 स्कूलो में से जहा अतिरिक्त भवन निर्माण एवं मरम्मत कार्य किये गए है वहा की स्थिति के लिए जब स्कूल प्रबंधन से रिपोर्ट मंगवाई गई तो प्रायः हर स्कूल ने RES विभाग द्वारा किये गए कार्यो पर असंतुष्टि जाहिर करते हुए शिक्षा विभाग को अपना रिपोर्ट सौंप दिया है...और जिस 62 स्कूलों को RES विभाग ने पूर्ण बताकर राशि आहरित की है वहा सभी कार्य प्रारंभ ही नही हो पाए है.

आमने-सामने RES और शिक्षा विभाग,कलेक्टर करेंगे समीक्षा

मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना में कार्य एजेंसी RES विभाग के कार्यपालन अभियंता ने बताया कि योजना के तहत 541 स्कूलों में मरम्मत कार्य की स्वीकृति मिली थी जिसमें 498 कार्य पूर्ण 13 कार्य प्रगति पर है साथ 30 स्कूलों का कार्य अप्रारंभ है जिसकी राशि शिक्षा विभाग को वापस कर दी गई है..अब शिक्षा विभाग किस तरह से परीक्षण किए है उनको वही जाने हमारे MBA रिकार्ड में कार्य दर्ज है हमने कोई फर्जी कार्य नही किया है शिक्षा विभाग ने अपनी सूची दिया है उसका वेरिफिकेशन करवाया जा रहा है. वही जिला शिक्षा अधिकारी बताते है कि हमने BEO और BRC के माध्यम से भौतिक सत्यापन करवाया है जिसमे RES की रिपोर्ट में भिन्नता पाई गई है जिसके लिए हमने RES विभाग को पत्र लिखा है भौतिक सत्यापन के लिए और जहा कार्य प्रारम्भ नही हुआ है वहा कार्य कराकर सम्बंधित स्कूलों से पूर्णता प्रमाण पत्र लेकर प्रेषित करे..इधर मुंगेली कलेक्टर राहुल देव ने शिक्षा विभाग और RES के प्रगतिरिपोर्ट के भिन्नता पाए जाने पर समीक्षा की बात कही है.

घोटालेबाजो पर हो कार्रवाई:

सरकार जर्जर और विघटन योग्य स्कूलों की मरम्मत व अतिरिक्त भवन निर्माण कार्य के लिए मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना पर करोड़ो रूपये पानी की तरह बहाए लेकिन घोटालों की वजह से स्कूल जर्जर ही रह जाते है और बच्चे उसी जर्जर स्कूल में पढ़कर अपनी भविष्य को संवारते है जान जोखिम मे डालकर..हाल में ही सीएम विष्णुदेव साय ने मरम्मत किये गए कार्य की गड़बड़ी पर नाराजगी जाहिर करते हुए इसपर जांच के आदेश दिए है तो सीएम साहब पहली जांच की आंच मुंगेली पर हो ताकि शिक्षा के मंदिर के मरम्मत कार्य पर गड़बड़ी करने वाले घोटालेबाजो पर कार्रवाई हो..!


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