होम
देश
दुनिया
राज्य
खेल
बिजनेस
मनोरंजन
जरा हटके
सेहत
अध्यात्म
फैशन/लाइफ स्टाइल

 

भोपाल ड्रग्स फैक्ट्री : कैसे बना ड्रग्स का गढ़ बैरागढ़, क्या होता है एमडी और एमडीए

भोपाल ड्रग्स फैक्ट्री : कैसे बना ड्रग्स का गढ़ बैरागढ़, क्या होता है एमडी और एमडीए

भोपाल ड्रग्स फैक्ट्री  : मध्यप्रदेश के मुखिया मोहन यादव ने भोपाल में ड्रग्स की सबसे बड़ी खेप पकड़े जाने के बाद सभी जिलों के एसपी सहित अन्य पुलिस अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि ड्रग्स पैडलर और नशा करने वालों को किसी भी हालत में न बख्शा जाए। बीते दिनों राजधानी में हुई कार्रवाई में 1814 करोड़ रुपए कीमत की ड्रग्स जब्त की गई। गुजरात एटीएस और एनसीबी की खबर के बाद 15 सदस्यीय टीम ने फैक्ट्री पर दबिश दी थी। 

यह फैक्ट्री भोपाल के नजदीक बगरोदा गांव के इंडस्ट्रियल एरिया में है। कार्रवाई के बाद भोपाल पुलिस ने इस फैक्ट्री के मालिकों पर एफआईआर दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया। वहीं इसी मामले से जुड़े तीसरे आरोपी हरीश आंजना (32) निवासी मंदसौर को भी गिरफ्तार किया गया है। फैक्ट्री में तलाशी के दौरान कुल 907.09 किलोग्राम मेफेड्रोन (ठोस और तरल दोनों रूप में) मिला। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी अनुमानित कीमत करीब 1814.18 करोड़ रुपए है।

ड्रग्स पैडलरों ने इसलिए चुना बैरागढ़

जानकारी के मुताबिक भोपाल से करीब 32 किलोमीटर दूर स्थित बैरागढ़ में बड़ी मात्रा में ड्रग्स खपत की बात सामने आई है। इस इलाके में वैसे तो कई बड़े व्यापारी वर्ग अपने कार्य को संचालित करते हैं, लेकिन इस तरह के ड्रग्स पैडलर्स इस तरह के बड़े व्यापारियों की आड़ में अपना अवैध कारोबार संचालित करते हैं, ताकि उन पर किसी को शक न हो। बैरागढ़ में सड़क के माध्यम से आसानी से ड्रग्स सप्लाय की जा सकती है। यहां से भोपाल
के अंदर व अन्य जिलों को सप्लाय करना आसान है। 

तीन माह पहले शुरू हुई फैक्ट्री

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक यह फैक्ट्री तीन महीने पहले ही किराए पर ली गई थी आरोपी द्वारा किए जा रहे नशे के इस अवैध कारोबार की जानकारी मकान मालिक को थी या नहीं, इस बारे में पूछताछ की जा रही है। मामले में मकान मालिक के खिलाफ भी प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की जा रही है। आरोपियों को गुजरात पुलिस भोपाल से ले गई।

क्या होता है एमडी और एमडीए

एमडीए मेथिलीनडाईऑक्सीएम्फेटामाइन एक्स्टसी की मूल दवा अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में घातक पैरामेथोक्सीएम्फेटामाइन व पीएमए (दवा) तथा पीएमए (पैरामेथोक्सीएम्फेटामाइन) अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में घातक साबित हुई हैं। कभी-कभी इन्हें एक्स्टसी के नाम से बेचा जाता है। एमडी (मिथाइलीनडाईऑक्सी मेथाम्फेटामाइन यानी एक्सटसी) का नशा सिर में चढ़ जाता है। लगातार इसके सेवन से तनाव रहने लगता है। इस नशे का सेवन करने वाला धीरे-धीरे डिप्रेशन में चला जाता है और बाद में खुदकुशी करने की सोचने लगता है। जीवन में नकारात्मकता आने लगती है। ड्रग को सूंघकर और पानी में मिलाकर या किसी पानमसाले में भी लिया जाता है। नशे के बाजार में इस तरह की एक ग्राम ड्रग की कीमत एक हजार से 15 हजार रुपए तक है। 


संबंधित समाचार