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हेमचंद विश्वविद्यालय : उत्तर पुस्तिका जांच पर उठे सवाल, केमिस्ट्री, फिजिक्स और मैथ्स में अधिकतर बच्चों को मिला शून्य

हेमचंद विश्वविद्यालय : उत्तर पुस्तिका जांच पर उठे सवाल, केमिस्ट्री, फिजिक्स और मैथ्स में अधिकतर बच्चों को मिला शून्य

रिपोर्टर - जगन्नाथ साहू, बालोद। नीट एग्जाम का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ की छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ का एक नया मामला सामने आया है।  दरअसल 14 जून को कॉलेज का परीक्षा परिणाम घोषित हुआ जिसमें बालोद, गुंडरदेही, डौडीलोहारा, दल्ली, डौंडी शासकीय कॉलेज के द्वितीय और तृतीय वर्ष के छात्र-छात्राओं ने परीक्षा परिणाम से असंतुष्टि जाहिर कर उत्तर पुस्तिका जांच पर सवाल उठा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री, उच्च शिक्षा मंत्री और हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग के कुलपति के नाम बालोद कलेक्टर को ज्ञापन सौप पुनः उत्तर पुस्तिका जांच की मांग की है।

परीक्षार्थी परिणाम से अचंभित

बतला दे की हेमचंद यादव विश्वविद्यालय द्वारा बीएससी के छात्राओं का परीक्षा परिणाम घोषित किया गया है, जिसमें शासकीय महाविद्यालय द्वितीय एवं तृतीय वर्ष के छात्र-छात्राओं का परिणाम घोषित हुआ है। उक्त परीक्षा परिणाम में केमिस्ट्री फिजिक्स और मैथ्स विषय में अधिकतर बच्चों को शून्य अंक प्राप्त हुए हैं। जिसके कारण परीक्षार्थी परिणाम से बहुत ही ज्यादा अचंभित है क्योंकि इस परिणाम में अधिकांश बच्चों को सिर्फ शून्य अंक दिया गया है।

100 से अधिक परीक्षार्थियों को मिला शून्य 


मीनाक्षी, विनीता साहू ने बताया की परीक्षार्थियों द्वारा उपरोक्त विषयों की परीक्षा बहुत ही अच्छे तरीके से दी गई थी और हम सभी को अच्छे अंक मिलने की उम्मीद थी किन्तु परीक्षा परिणामों में एक साथ बालोद एवं डौण्डी के परीक्षा केन्द्रों में जितने भी परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी थी, उनमें से लगभग 100 से अधिक परीक्षार्थियों को उक्त विषयों में शून्य अंक प्राप्त हुए हैं, जबकि अन्य विषयों में अच्छे अंक प्राप्त हुए हैं जिस संबंध में परीक्षा परिणाम आने के पश्चात् संबंधित प्राचार्यों को भी अवगत कराया गया था। किन्तु किसी प्रकार का संतोषजनक जवाब नहीं मिलने के कारण सभी छात्र-छात्राएं अपने भविष्य को लेकर बहुत ही चिंतित हैं।

 छात्र-छात्राएं इस परिणाम से असंतुष्ट हैं उनकी मांग है की केमिस्ट्री फिजिक्स और मैथ्स विषयों का निष्पक्ष तरीके से पूनः मूल्यांकन करने एवं इस प्रकार की लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों की जांच कर दोषियों पर उचित कार्यवाही की जाए, ताकि किसी भी छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ इस तरह का खिलवाड़ ना हो।

 


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