
दुर्ग: छत्तीसगढ़ में मंगलवार को दोपहर के बाद हवा तूफान के चलते मौसम परिवर्तन देखने को मिला है। इस बीच शहर के कई वार्डों में बिजली बाधित रही। जिसके चलते शहर वासियों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा। अंधड़ के चलते ना सिर्फ बिजली व्यवस्था से परेशानी हुई बल्कि जल सप्लाई भी बल्कि मंगलवार शाम को पर पूरी तरह से बाधित रही। जिसके चलते लोगों को परेशान होना पड़ा। भिलाई में तेज हवा चली, कुछ जगहों पर हल्की बारिश भी हुई। तेज हवा के कारण नेहरू नगर, साक्षरता चौक तीन दर्शन मंदिर के पास, हाउसिंग बोर्ड, टाउनशिप के कुछ क्षेत्रों में पेड़ उखड़ने की खबर है। कुछ जगहों पर पेड़ बिजली तारों पर गिरे हैं, जिनका मेंटेनेंस बिजली कंपनी द्वारा किया जा रहा है।
इन जिले कई जगहों पर हुई बारिश :
आपको बतादें कि मंगलवार शाम को जांजगीर चांपा में मौसम का मिजाज अचानक बदला। इस दौरान अंदर के साथ कई जगहों पर बारिश हुई। जिला मुख्यालय जांजगीर में शाम के समय तेज हवाओं के साथ बूंदाबांदी हुई। वहीं पामगढ़ क्षेत्र मैं अच्छी बारिश हुई। इसी तरह अकलतरा नवागढ़ शिवरीनारायण क्षेत्र में भी तेज हवाओं के साथ कई जगहों पर बूंदाबांदी हुई।
तेज हवाओं के साथ यहां पर ओलावृष्टि:
वहीं गरियाबंद जिले की बात करें तो मंगलवार को दोपहर एक बजे के बाद मैनपुर-देवभोग क्षेत्र के मौसम में अचानक बदलाव हुआ। और तेज हवाएं चलने लगी। इसके थोड़े देर बाद धुरवामुड़ी देवभोग क्षेत्र और कुल्हाड़ीघाट पहाड़ी क्षेत्र में ओलावृष्टि के साथ बारिश हुई। कई जगह आंधी के कारण पेड़, पौधे और डंगाले गिरने लगी थी। और हल्की हवा के साथ मैनपुर में भी बूंदाबांदी हुई। जिसके बाद बिजली की भी काफी समस्या उत्पन्न होने लगी।
बिजली और पानी सप्लाई रही प्रभावित :
मौसम हुए अचानक बदलाव से फिल्टर प्लांट को नगर निगम के विद्युत सप्लाई करने वाले 11 केवी और 33 केवी विद्युत लाईन के तार 25 फीट बड़ा पेड़ गिर गया जिसके चलते दोपहर में 24 व 42 एमएलडी फिल्टर प्लांट बिजली सप्लाई बंद कर दी गई। जिसकी सूचना निगम अधिकारियों द्वारा दिए जाने के बाद विद्युत मंडल के वरिष्ठ अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा तीन घंटे के मशक्कत के पश्चात 33 केवी लाईन से गिरे पेड़ को अलग कर शाम 7 बजे बिजली सप्लाई बहाल किया गया। विद्युत प्रवाह बंद होने के कारण 42 एमएलडी फिल्टर प्लांट से जुड़े बघेरा टंकी सिकोला बस्ती टंकी पोटिया टंकी व कातुलबोर्ड टंकीयो में पानी नहीं भरा जा सका जिसके कारण आज शाम की पाली में खुलने वाली नल की पानी सप्लाई नहीं हो पाई है चूंकि टंकियों में पानी मरने में 4 से 8 घंटा का समय लगता है। टंकियों में पानी मरने में 4 से 8 घंटा का समय लगता है, और पानी सप्लाई भी प्रभावित रही।