जबलपुर : यूनियन कार्बाइड के 358 टन जहरीले कचरे को जलाने को लेकर जहां एक तरफ लोग विरोध कर रहे है। तो वही दूसरी तरफ ज़हरीले कचरे को लेकर आज एमपी हाईकोर्ट के जबलपुर खंडपीठ में सुनवाई हुई। जिसमे कोर्ट में पेश होकर सीएस अनुराग जैन और पीएस संदीप यादव ने कचरा न जला पाने की वजह बताई। वही कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कारवाही को आगे बढ़ाते हुए मामले में अगली सुनवाई 18 फ़रवरी को करने का फैसला लिया है।
हाईकोर्ट ने कचरा जलाने दिया था 3 जनवरी तक का समय
दरअसल, कचरा जलाने के लिए हाईकोर्ट ने 3 जनवरी तक का समय दिया था। इधर, समय सिमा समाप्त होने के बाद कोर्ट ने मामले में आज सुनवाई करते हुए कचरा जलाने को लेकर अगली सुनवाई 6 सप्ताह बाद करने का फैसला लिया है। सुनवाई के दौरान सरकार ने हलफनामा प्रस्तुत किया। जिसमे मिस पब्लिसिटी और फेक मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर पीथमपुर में हुए हंगामे को लेकर सारी जानकारी दी। इसके साथ ही सरकार ने कोर्ट से मांग की कि कचरा जलाने को लेकर समय दिया जाए। साथ ही कंटेनर्स में भरे कचरे को अनलोड करने की भी अनुमति मांगी।
कचरे से कंटेनर को अनलोड करने के निर्देश
इधर, सुनवाई के दौरान HC ने सरकार को सावधानीपूर्वक और पूर्व निर्देशों के तहत कचरे से कंटेनर को अनलोड करने निर्देश दिए। हालांकि कोर्ट ने पूर्ण हानिकारक कचरे के विनिष्टीकरण करने के पहले ही निर्देश दे चुके थे। वही सुनवाई के दौरान याचिका कर्ताओं ने मांग की मामले में गठित हाई लेवल कमिटी को जाँच रिपोर्ट पेश की जाए।
40 साल पहले गैस कांड हुआ था
बता दें कि भोपाल में 40 साल पहले गैस कांड हुआ था। जिसका 11 मिलियन मीट्रिक टन ज़हरीला कचरा अभी तक मध्य प्रदेश में है। अभी सिर्फ़ 337 टन ज़हरीला कचरा जलाने के लिए पीथमपुर भेजा गया है। जिसको लेकर रहवासी लगातार विरोध कर रहे है। वही मामले को लेकर चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैथ और जस्टिस विवेक जैन की अध्यक्षता में आज सुनवाई हुई। जिसमे उन्होंने अगली सुनवाई 18 फ़रवरी को करने का फैसला लिया है। अब देखना है कि हाईकोर्ट इस मामले में क्या निर्णय देता है।