इंदौर : मध्य प्रदेश में लोकायुक्त की टीम रिश्वतखोरों को लगातार पकड़ने का काम कर रही है। इसी कड़ी में लोकायुक्त ने पचास हजार की रिश्वत लेते प्रधान आरक्षक को रंगे हाथों गिरफ्तार किया। हेड कांस्टेबल ने फरयादी से पत्नी को जेल ना भेजने के एवज में पैसों की मांग की थी। जिसकी शिकायत उसने लोकायुक्त में कर दी। शिकायत सही पाए जाने पर लोकायुक्त ने आरोपी प्रधान आरक्षक अरुण शर्मा को रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
पत्नी को जेल ना भेजने के एवज में मांगी थी घूस
जानकारी के अनुसार इंदौर के रहने वाले पति पत्नी में लंबे समय से विवाद चला रहा था। जिसके चले विवाद का मामला थाने तक पहुंच गया। इस दौरान पति ने पत्नी को जेल ना भेजने के एवज में प्रधान आरक्षक अरुण शर्मा से गुहार लगाई, ऐसे में प्रधान आरक्षक ने पत्नी को जेल नहीं भेजने के लिए पचास हजार की रिश्वत की मांग की। ऐसे में दोनों पक्षों में जैसे तैसे पैसों की लेन देन को लेकर सौदा पक्का हुआ। जिसके बाद प्रधान आरक्षक के मित्र अय्यूब पैसे लेने के लिए आवेदिका के घर पहुंचे। जिसके बाद लोकायुक्त ने आगे की कार्रवाई को अंजाम दिया।
भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज
जानकारी के अनुसार प्रधान आरक्षक इंदौर के MIG में पदस्त है। फ़िलहाल पुलिस ने प्रधान आरक्षक अरुण शर्मा और उनके मित्र अय्यूब को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों के विरुद्ध भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर आगे की जांच की जा रही है।