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गुलियन बेरी सिंड्रोम है घातक, क्या है यह संक्रमण और बचने के लिए क्या करें उपाय, पढ़ें पूरी खबर... 

गुलियन बेरी सिंड्रोम है घातक, क्या है यह संक्रमण और बचने के लिए क्या करें उपाय, पढ़ें पूरी खबर... 

पिबेरी सिंड्रोम के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। खासतौर पर देश के पुणें में इसके कई मामले सामने आए हैं। अब तक संक्रमण से सात लोगों की संदिग्ध मृत्यु हो चुकी है और 160 से अधिक लोग इससे बीमार हो चुके हैं। इन वजहों से इसको लेकर लोगों के मन में भय व्याप्त है। ऐसे में बिना डरे हुए आपको गुलियन बैरी सिंड्रोम के बारे में जानना-समझना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि इससे बचाव के लिए गुलियन बैरी सिंड्रोम के लक्षणों पर ध्यान देना और समय रहते इलाज कराना बहुत जरूरी है।

जीबीएस के बारे में जानें 

गुलियन-बैरी सिंड्रोम या जीबीएस एक गंभीर न्यूरोलॉजिकल बीमारी है जिसमें नसों में सूजन आने लगती है। यह बीमारी तब होती है, जब हमारा इम्यून सिस्टम नसों के ऊपर हमला करना शुरू कर देता है। इसमें कुछ समय बाद नसों में सूजन आने लगती है और शरीर के अन्य अंगों में कमजोरी के साथ दर्द भी होने लगता है। इसलिए आपको गुलियन-बैरी सिंड्रोम के लक्षणों पर ध्यान देना बहुत आवश्यक है और जरा भी संदेह होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

इन लक्षणों के होने पर ध्यान दें 

गुलियन-बैरी सिंड्रोम के लक्षणों की बात करें तो सबसे पहले हाथों और पैरों में कमजोरी आनी शुरू हो जाती है। हाथ और पैर सुन्न होने लगते हैं। हाथ-पैर को हिलाने में दिक्कत आने लगती है और यह कमजोरी तेजी से शरीर के अन्य अंगों में भी फैलती है। इसके अलावा रीढ़ की हड्डी में भी कमजोरी, छाती की मांसपेशियों में कमजोरी, सांस लेने में परेशानी होना जैसे लक्षण दिखने लगते हैं। इसकी वजह से मरीज को पैरालिसिस यानी लकवा भी हो सकता है। इस बीमारी में कई बार मरीज को हाई बीपी या फिर हार्ट अटैक तक आने की संभावना रहती है, जो घातक हो सकती है। इसलिए समय रहते लक्षणों पर ध्यान देना बहुत आवश्यक है।

कैसे कराएं ट्रीटमेंट 

यह हमारी इम्यून सिस्टम से जुड़ी बीमारी है, इसलिए इसका कोई निश्चित इलाज नहीं है लेकिन डॉक्टर दो तरह की थेरेपी से मरीज का इलाज करते हैं। इन दो तरह की थेरेपीज में प्लास्मफेरेसिस और आई.वी.आई.जी.आई थेरेपी के माध्यम से मरीज का इलाज किया जाता है। कुछ मामलों में प्लाजमा थेरेपी और इम्यूनोग्लोबिन थेरेपी की मदद से भी बीमारी पर नियंत्रण प्राप्त करने का प्रयास किया जाता है। इसलिए लक्षणों पर ध्यान देकर तुरंत अस्पताल पहुंचना बहुत जरूरी है, तभी इससे बचाव संभव है।

बरतें ये सावधानियां

सबसे पहले तो आप जीबीएस के प्रमुख लक्षणों पर अवश्य ध्यान दें यदि शरीर की मांसपेशियों में कमजोरी लग रही है, झुनझुनी या सुन्नता महसूस होती है, तो इसमें जरा भी लापरवाही ना बरतें और तुरंत अस्पताल पहुंचे या फिर नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।

साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें, हमेशा स्वच्छ पानी पिएं, जिन स्थानों पर यह संक्रमण फैला है, वहां से दूरी बनाएं।

भोजन करने से पहले हाथों को अच्छी तरह से धो लें और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें। 


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