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महाराष्ट्र में GBS का कहर: 7 की मौत, 48 मरीज ICU में भर्ती, संदिग्ध मरीजों की संख्या 192 तक पहुंची

महाराष्ट्र में GBS का कहर: 7 की मौत, 48 मरीज ICU में भर्ती, संदिग्ध मरीजों की संख्या 192 तक पहुंची

Maharashtra GBS Cases: महाराष्ट्र में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के संदिग्ध मरीजों की संख्या तेजी से बढ़कर 192 हो गई है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इनमें से 167 मरीजों में इस सिंड्रोम की पुष्टि हो चुकी है, जबकि अब तक 7 लोगों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है। सोमवार को पुणे में 37 वर्षीय युवक की मौत हुई।

इस समय 48 मरीज ICU में भर्ती हैं, जिनमें से 21 को वेंटिलेटर सपोर्ट की जरूरत है। एक्टिव मामलों में पुणे म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन क्षेत्र से 39 मरीज, पुणे के आस-पास के गांवों से 91, पिंपरी चिंचवाड़ से 29, पुणे ग्रामीण क्षेत्र से 25 और अन्य जिलों से 8 मरीज शामिल हैं।

दूषित पानी से फैला संक्रमण 11 निजी RO सील :

Maharashtra GBS Cases: 7 फरवरी को, गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के मरीजों की संख्या 180 हो गई थी। एक अधिकारी ने बताया कि सबसे ज्यादा मामले नांदेड़ के पास स्थित एक हाउसिंग सोसाइटी से सामने आए हैं, जहां पानी का सैंपल लिया गया था और उसमें कैंपिलोबैक्टर जेजुनी बैक्टीरिया पॉजिटिव पाया गया। यह बैक्टीरिया पानी में पाया जाता है।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) ने भी पुष्टि की है कि नांदेड़ और उसके आसपास के इलाकों में GBS का प्रकोप प्रदूषित पानी के कारण फैल रहा है। पुणे नगर निगम ने नांदेड़ और उसके आसपास के क्षेत्रों में 30 प्लांट, जिनमें 11 निजी RO शामिल हैं, को सील कर दिया है।

चार अन्य राज्यों में भी GBS के मरीज :

Maharashtra GBS Cases:  महाराष्ट्र के अलावा, देश के चार अन्य राज्यों में भी गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के मरीज सामने आए हैं। तेलंगाना में इस बीमारी का एक मामला रिपोर्ट हुआ है। असम में एक 17 साल की लड़की की मौत हो गई है, हालांकि वहां फिलहाल कोई दूसरा एक्टिव केस नहीं है।

पश्चिम बंगाल में 30 जनवरी तक 3 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें दो बच्चे शामिल हैं। मृतक परिवारों का आरोप है कि इन मौतों का कारण GBS था, लेकिन बंगाल सरकार ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है।

राजस्थान के जयपुर में 28 जनवरी को एक बच्चे, लक्षत सिंह, की मौत हुई, जो कुछ समय से GBS से पीड़ित था।

क्या है GBS, और इसके लक्षण ?

Maharashtra GBS Cases: गुइलेन-बैरे सिंड्रोम एक दुर्लभ ऑटोइम्यून विकार है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से तंत्रिकाओं पर हमला कर देती है। इसके परिणामस्वरूप मांसपेशियों में कमजोरी, दर्द और गंभीर मामलों में लकवा हो सकता है। यह आमतौर पर बैक्टीरियल या वायरल संक्रमण के कारण होता है।

GBS से बचाव के उपाय:

अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे स्वच्छ पेयजल का उपयोग करें और अपने आसपास की सफाई का ध्यान रखें। यदि किसी को कमजोरी या लकवा जैसे लक्षण महसूस हों, तो उन्हें तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।


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