होम
देश
दुनिया
राज्य
खेल
बिजनेस
मनोरंजन
जरा हटके
सेहत
अध्यात्म
फैशन/लाइफ स्टाइल

 

दीपावली के दिन होती गौरा-गौरी विशेष पूजा,  जानिए इसका पारम्परिक महत्व...

दीपावली के दिन होती गौरा-गौरी विशेष पूजा,  जानिए इसका पारम्परिक महत्व...

बालोद: दीपावली पर्व के दौरान के गौरा- गौरी पूजा का आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में अपना एक अलग ही महत्व है. छत्तीसगढ़ में काफी लंबे से दीपावली के दिन गौरा-गौरी पूजा अर्चना की जाती है. इस कड़ी में प्रदेश के बालोद जिले में आज गौरा- गौरी की विसर्जन यात्रा निकाली गई है. इस पर्व की  पारम्परिक पूजा अर्चना इसकी अहम मानी जाती है. दरअसल लक्ष्मी पूजा के दिन पारम्परिक ढ़ंग से  गौरा- गौरी को स्थापित की जाती है. इसके साथ ही इसकी विशेष पूजा- अर्चना शुरू की जाती है. और  इसके बाद  प्रदेश के शहरों और गांवों में धूम धाम से विसर्जन यात्रा निकाली  जाती है.

सदियों से चल रही परम्परा :

लक्ष्मी पूजा की दिन देर रात तक पारम्परिक रूप से गौरा- गौरी स्थल पर पूजा अर्चना की जाती है. इस बीच छत्तीसगढ़ की परम्परा से जुड़े इस गौरा- गौरी की पूजा- अर्चना में ग्रामीण बढ़- चढ़ कर हिस्सा लेते हैं. आपको बता दें कि ये परम्परा सदियों से चल रही है. आज भी ग्रामीण गौरा- गौरी के इस जागरण प्रथा को कायम रखे हुए हैं. जानकारी के मुताबिक पूरी पारम्परिक पूजा- अर्चना को किदवंती से जोड़ा जाता है. 

 


संबंधित समाचार