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घरवापसी की तैयारी में पूर्व CM का परिवार: कांग्रेस में इन नेताओं की हो सकती है वापसी, क्या निकाय चुनाव में मिल सकता है फायदा ?

घरवापसी की तैयारी में पूर्व CM का परिवार: कांग्रेस में इन नेताओं की हो सकती है वापसी, क्या निकाय चुनाव में मिल सकता है फायदा ?

मानसी चंद्राकर// रायपुर: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस से बाहर गए नेताओं की कांग्रेस पार्टी में वापसी होने वाली है। प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट ने इसे लेकर एक कमेटी भी बनाई है। सूत्रों के अनुसार, पार्टी से निलंबित किए गए नेता लंबे समय से पार्टी में वापसी की कोशिश कर रहे थे और उन्होंने सचिन पायलट को भी आवेदन दिया था। अब इस मामले में सचिन पायलट ने गंभीरता से विचार करते हुए एक कमेटी का गठन किया है। कमेटी के गठन के बाद, यह अनुमान जताया जा रहा है कि पार्टी में कई नेताओं की वापसी हो सकती है।

यह हैं समिति के सदस्य

समिति में कुल सात लोगों को शामिल किया गया है। इसमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, प्रदेश सहप्रभारी एसए संपत कुमार, जरिता लैतफलांग और विजय जांगिड़ को रखा गया है। इसके अलावा, कांग्रेस के दो पूर्व प्रदेश अध्यक्ष धनेन्द्र साहू और मोहन मरकाम भी समिति के सदस्य हैं।

क्यों निलंबित किए गए थे नेता?

दरअसल, 2023 में राज्य में विधानसभा चुनाव हुए थे, जिसमें कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था। हार के बाद पार्टी में मतभेद होने लगे थे। कुछ नेताओं ने पार्टी छोड़ दी, जबकि कुछ ने पार्टी की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे। इसके अलावा, कुछ नेताओं पर भितरघात का आरोप भी लगा था, जिसके बाद उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। कई नेताओं ने पार्टी के सीनियर नेताओं पर गंभीर आरोप भी लगाए थे।

कुछ नेताओं ने संगठन में वापसी के लिए लिखित रूप में माफी मांगी थी और इसके बाद वे लगातार पार्टी में वापसी की कोशिश कर रहे थे। अब, राज्य के प्रभारी सचिन पायलट के सक्रिय होने के बाद यह संभावना जताई जा रही है कि इन नेताओं की पार्टी में फिर से वापसी हो सकती है।

निकाय चुनाव में मिल सकता है फायदा?:

राज्य में नगरीय निकाय चुनाव होने वाली है, और इन्हें ध्यान में रखते हुए कांग्रेस संगठन ने यह फैसला लिया है। ऐसे में, इन नेताओं की वापसी से पार्टी को निकाय चुनाव में मजबूती मिल सकती है, क्योंकि कई ऐसे नेता हैं जो स्थानीय स्तर पर अपनी मजबूत जमीनी पकड़ रखते हैं।

घरवापसी की तैयारी में पूर्व CM का परिवार:

छत्तीसगढ़ की राजनीति में इन दिनों एक बड़ी चर्चा हो रही है। कहा जा रहा है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में तीसरी ताकत बनकर उभरी छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. अजीत जोगी की पार्टी, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) का कांग्रेस में विलय हो सकता है। 2018 में पांच सीटें जीतने वाली JCCJ पार्टी 2023 के विधानसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पाई। अब, एक साल बाद ऐसी परिस्थितियां बन रही हैं, जिनमें पार्टी का कांग्रेस में विलय हो सकता है और अजीत जोगी का परिवार भी अब घरवापसी कर सकता है। पार्टी की सुप्रीमो रेणु जोगी ने इसके लिए पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज को एक पत्र भी लिखा है, जिसमें उन्होंने पार्टी का विलय कांग्रेस में करने की इच्छा जताई है। कहा जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी इस मामले में जल्द ही महत्वपूर्ण फैसला ले सकती है।

2023 में पूरी सीटों पर नहीं उतार पाई प्रत्याशी :

2023 के विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी में कई बार फूट देखने को मिली। स्थिति यह रही कि जेसीसीजे राज्य की 90 सीटों में से सभी पर अपने उम्मीदवार नहीं उतार पाई थी। पार्टी के अध्यक्ष अमित जोगी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ पाटन विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। पार्टी का कोई भी उम्मीदवार जीत नहीं पाया। बाद में, बीजेपी की सरकार बनने के बाद जोगी परिवार ने कांग्रेस से अपनी नजदीकियां फिर से बढ़ानी शुरू की। रायपुर दक्षिण के उपचुनाव में भी जेसीसीजे ने प्रत्याशी नहीं उतारा था। इसके बाद, जोगी परिवार की नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत से मुलाकात के बाद पार्टी के विलय की चर्चा होने लगी थी। अब, रेणु जोगी के पत्र से यह साफ होता दिख रहा है कि जेसीसीजे का कांग्रेस में विलय हो सकता है। हालांकि, पार्टी के कुछ नेता इसके पक्ष में नहीं हैं, इसलिए यह निर्णय कांग्रेस आलाकमान द्वारा लिया जा सकता है कि जेसीसीजे का कांग्रेस में विलय होगा या नहीं।


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