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Journalist Kuldeep Singoria : पत्रकार के खिलाफ फर्जी मुकदमा, ​कांग्रेस हुई हमलावार

Journalist Kuldeep Singoria : पत्रकार के खिलाफ फर्जी मुकदमा, ​कांग्रेस हुई हमलावार

Journalist Kuldeep Singoria : मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के कटारा हिल्स थाना पुलिस ने पत्रकार के खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज करके उसको गिरफ्तार कर लिया। उसकी गिरफ्तारी की आधिकारिक सूचना भी पुलिस की तरफ से नहीं देने दी गई। वहीं जिस एफआईआर में आरोपी का नाम है उससे मिलता जुलता वह है। हालांकि सरनैम दूसरा एफआईआर में लिखा गया है। इस कार्रवाई के खिलाफ दर्जनों पत्रकार मंगलवार सुबह कटारा हिल्स थाने पहुंचे। जिस पर पुलिस ने अपने हाथ खड़े करते हुए अदालत से जमानत लेने का रास्ता बता दिया। 

क्या है पूरा मामला?

पुलिस के अनुसार 20 मार्च को कटारा हिल्स थाने में शेख अकील पिता शेख अजीज उम्र 33 साल ने प्रकरण दर्ज कराया था। वह टीला जमालपुरा थाना क्षेत्र स्थित कबीट पुरा इलाके में रहता है। शेख अकील ट्रैवल्स का काम करता है। उसके साथ दोस्त फैजान भी था। दोनों एम्स अस्पताल से अलग-अलग वाहनों पर बागसेवनिया से भोपाल आरटीओ जा रहे थे। तभी शेख अकील की मोपेड एक्टिस एमपी-04-जेडएल-0519 को सफेद रंग की बोलेरो ने टक्कर मार दी। 

पुलिस ने लगाई ये धाराएं

यह दुर्घटना विवेकानंद कॉलोनी और कैलाश महादेव मंदिर के बीच दोपहर साढ़े बारह बजे हुई थी। बोलेरा में करीब आधा दर्जन लोग सवार थे, जिसमें से दो लोग उतरे और उसे वाहन सही तरीके से नहीं चलाने का आरोप लगाते हुए बोलेरो में हुए नुकसान के एवज में 50 हजार रुपए की मांग करने लगे। विरोध करने पर उसके साथ मारपीट भी की गई। इन आरोपों पर पुलिस ने प्रकरण 66/25 दर्ज किया। इसमें धारा 281 (लापरवाही से वाहन चलाना), 296 (गाली-गलौज), 115 (2) (मारपीट), 351 (3) (जान से मारने की धमकी) और 3 (5) (एक से अधिक आरोपी) लगाई गई। 

क्या कहती है पुलिस?

इस मामले में पत्रकार कुलदीप सिंगोरिया को सोमवार रात उठाया गया। थाना प्रभारी कृष्ण गोपाल शुक्ला ने बताया कि उसका मोबाइल इसलिए जब्त किया गया है जिससे उसकी लोकेशन को साबित किया जा सके। उन्होंने परिजनों को सूचना नहीं देने के बात को टाल दिया। थाना प्रभारी ने कहा कि पीड़ित पक्ष और आरोपी पक्ष एक-दूसरे को नहीं जानते हैं। फेसबुक के आधार पर उसकी गिरफ्तारी की गई है। इधर, गिरफ्तारी और फर्जी मुकदमे के विरोध में सुबह 11 बजे सैकड़ों पत्रकारों ने पुलिस कार्रवाई का विरोध किया। 

सिंगोरिया की खबर पर नाराज कलेक्टर

इससे पहले कुलदीप सिंगोरिया की खबर चलाने से नाराज होकर नर्मदापुरम की कलेक्टर रहीं सोनिया मीणा ने उनकी बहन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को नोटिस देकर दबाव बनाने की कोशिश की थी। उस वक्त भी कुलदीप सिंगोरिया के समर्थन में कई पत्रकार मैदान में आए थे। वे भोपाल शहर के कई अखबारों और टीवी चैनलों में कार्य कर चुके हैं।

पत्रकार की जमानत, टीआई लाइन अटैच

पुलिस मुख्यालय पहुंचे पत्रकारों ने टीआई और डीआईजी को निलंबित करने की मांग की। इस दौरान पत्रकारों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की। मामले को देख थाना प्रभारी को लाइन अटैच कर दिया। जिसके बाद पत्रकार भड़क उठे। पत्रकार Ti को सस्पेंड करने की मांग कर रहे हैं। वही पत्रकार कुलदीप को जमानत दे दी है। 

कमलनाथ की बड़ी मांग

पूर्व सीएम कमलनाथ ने एक्स पर कहा है कि भोपाल के वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप सिंगोरिया को बिना किसी अपराध के झूठा मामला बनाकर कल रात गिरफ़्तार कर लिया गया। पत्रकारों के भारी विरोध के बावजूद आज उन्हें जेल भेज दिया गया। राजधानी के समस्त पत्रकार इस गिरफ़्तारी का विरोध कर रहे हैं। प्रदेश सरकार से मेरी माँग है कि वरिष्ठ पत्रकार को तुरंत रिहा किया जाए और न्यायपूर्ण कार्रवाई की जाए।

पुलिस पर कांग्रेस हमलावार

मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री अरूण यादव ने एक्स पर कहा है कि पत्रकार कुलदीप सिंगोरिया के खिलाफ कटारा हिल्स पुलिस द्वारा एक्सीडेंट के केस में अड़ीबाजी की झूठी FIR दर्ज करने के बाद जेल भेजना साफ बताता है कि पुलिस ने दवाब में कार्यवाही की है, मेरी डीजीपी महोदय से मांग है कि इस मामले की तुरंत जांच कराकर दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही करें।

बीजेपी नेताओं के घड़ियाली आंसू

वही कांग्रेस मीडिया विभाग प्रमुख मुकेश नायक ने एक्स पर कहा है कि पत्रकारों की आज़ादी पर BJP सरकार का दोहरा चरित्र उजागर! भोपाल में पत्रकार कुलदीप सिंगरोलिया को आधी रात जबरन गिरफ्तार किया गया, जबकि जिस गाड़ी से एक्सीडेंट बताया जा रहा है, वह उनकी नहीं थी, न ही वह उसमें थे। फिर भी ग़ैर-जमानती धाराएँ लगाकर फँसाया गया। BJP का असली चेहरा! एक तरफ BJP के नेता पत्रकार को जेल भिजवाने में लगे हैं, दूसरी तरफ BJP के ही नेता थाने में बैठकर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। यह दोहरा खेल किसके इशारे पर हो रहा है। 

पत्रकारिता कुचलने की साजिश

कांग्रेस विधायक और उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने कहा है कि पत्रकार कुलदीप सिंगरोलिया की गिरफ्तारी लोकतंत्र के चौथे स्तंभपर सीधा हमला है। कटारा हिल्स पुलिस द्वारा एक्सीडेंट और अड़ीबाजी का मनगढ़ंत मामला बनाकर उनका मोबाइल छीनना साबित करता है कि यह कार्रवाई सत्ता के दबाव में की गई है। यह स्पष्ट रूप से पत्रकारिता को कुचलने और सच को दबाने की साजिश है। आश्चर्यजनक रूप से, यह मामला विधानसभा सत्र खत्म होते ही दर्ज किया गया, ताकि सरकार के खिलाफ कोई बहस न हो सके। बीजेपी सरकार की यह तानाशाही मानसिकता लोकतंत्र के लिए खतरा है। अगर निष्पक्ष जांच नहीं हुई, तो यह प्रेस स्वतंत्रता पर काला धब्बा होगा। 

वही सीएम मोहन यादव ने मामले को लेकर कहा है कि मामला उनकी संज्ञान में आया है। मैने बात की है। बता दे कि आशीष अग्रवाल ने कहा है कि जब तक थाना प्रभारी पर कार्रवाई नहीं होगी वे वे पत्रकारों के साथ खड़े रहेंगे। मामले को लेकर अब प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग तेज हो गई है।


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