भोपाल : पूर्व ट्रांसपोर्ट कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा के केस को लेकर लोकायुक्त, IT के बाद ED की एंट्री हो गई है। ED ने सौरभ शर्मा के साथ साथ उनके दोस्त चेतन के खिलाफ FIR दर्ज कर मामले में आगे की जांच शुरू कर दी है। हालांकि अभी तक सौरभ शर्मा की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है, लेकिन उनके दोस्त चेतन ने गिरफ्तार होने के बाद कई बड़े खुलासे किए है। जिसके आधार पर पुलिस मामले में आगे की जांच कर रही है। तो वही 52 किलो सोना और 11 करोड़ रूपए के काले धन के तार को मंत्री गोविंद सिंह राजपूत से जोड़ा जा रहा है। लेकिन मंत्री जी राजनीतिक गलियारों में चल रहे बयान बाजी को साफ़ नकारते हुए खुद मामले में कार्रवाई करवाने के आश्वासन दे रहे है।
सौरव शर्मा के सवाल पर भड़के मंत्री गोविंद सिंह
भोपाल के आस पास के जंगल से करोड़ों रूपए के काले धन मिलने के बाद से राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि इस काले धन में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का हिस्सा हो सकता हैं। क्योकि सौरभ शर्मा का परिवहन विभाग में कार्यकाल तभी तक रहा है, जब तक गोविंद सिंह राजपूत विभाग के मंत्री रहे। वही पूर्व मंत्री भूपेद्र सिंह और कांग्रेस इशारों इशारों में गोविंद सिंह राजपूत पर उंगली उठा रहे। इसी कड़ी में जब एक कार्यक्रम में शिरकत करने मंत्री गौविंद सिंह राजपूत ग्वालियर पहुंचे तो मीडिया कर्मियों ने सौरभ शर्मा और उनके संबंध को लेकर सवाल पूछा, तो गौविंद सिंह मीडियाकर्मियों पर ही नाराज हो गए और बाद में संभलते हुए कहा कि ''श्रीमान जी किसी विभाग में लाखों कर्मचारी होते हैं किसने क्या किया ये जांच का प्रश्न है, मुझे इससे क्या लेना देना।
CM ने कहा कि भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा
इधर, भोपाल में लोकायुक्त और आईटी की छापेमार कार्रवाई पर सीएम डॉ मोहन यादव ने बयान जारी करते हुए कहा कि हमने आरटीओ के सभी चेक पोस्ट बंद कर दिए। प्रदेश में किसी भी हालत में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसमें जिस स्तर पर भी कार्रवाई करना है, हमारी सरकार लगातार कर रही है और आगे भी करती रहेगी।
कद्दावर कांग्रेस नेता के करीबी सौरव
बता दें कि ग्वालियर के विनय नगर सेक्टर दो में मुख्य मार्ग पर सौरभ शर्मा का आलीशान मकान है। सौरभ का परिवार एक प्रदेश के कद्दावर कांग्रेस नेता का करीबी रहा। सौरभ की मां उमा शर्मा कांग्रेस नेत्री रहीं। पत्नी दिव्या तिवारी शर्मा पहले थंप डांस अकादमी चलाती थीं और सिटी सेंटर में एक स्कूल में टीचिंग करती थीं। परिवार में एक भाई गौरव शर्मा और है, जो वर्तमान में छत्तीसगढ़ में लोक सेवक के रूप में कार्यरत है। पिता डॉ. आरके शर्मा सेंट्रल जेल में डॉक्टर थे और लगभग आठ साल पहले ह्रदय रोग के कारण उनका निधन हो गया था। सिटी सेंटर ग्वालियर की उस बड़ी इमारत में जहां पब व अन्य गतिविधियां चलती हैं, वह सौरभ की है।
दलाली और पोस्टिंग का काम करवाता था सौरभ
कहा जाता है कि 2016 से लेकर 2023 तक परिवहन विभाग में उसका सिक्का चलता था। वह अकेले 23 चेकपोस्ट के कलेक्शन का काम देखता था। अधिकारी से लेकर नेताओं सब तक उसकी पहुंच थी....सौरभ शर्मा परिवहन विभाग में दलाली और पोस्टिंग में सेंटिग करवाता था। धीरे-धीरे विभाग में उसका रसूख बढ़ता गया। उसने नाका तैनाकी में ट्रांसफर और पोस्टिंग के खेल को अंजाम दिया। इसके जरिए उसने करोड़ों की काली कमाई की और उसे रियल एस्टेट में निवेश करने लगा। बता दें कि सौरभ शर्मा को अनुकंपा नियुक्ति मिली थी, उन्होने परिवहन विभाग में सात साल काम किया और 2023 में उसने नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। सौरभ शर्मा परिवहन विभाग में नौकरी करने से पहले ग्वालियर के सिटी सेंटर में डिस्को क्लब चलाता था।