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धन गिरह पान : इस पान का स्वाद है लाजवाब, बाजार में है इसकी काफी मांग 

धन गिरह पान : इस पान का स्वाद है लाजवाब, बाजार में है इसकी काफी मांग 

रायपुर : आप सबने पान तो खाया ही होगा लेकिन क्या आपको पता है कि कौन सा पान आपके स्वास्थ्य के साथ साथ स्वाद के लिए बेहतरीन पान है। अगर नहीं, तो आज हम आपको पान के बारे में बताने वाले हैं। अधिकतर छत्तीसगढ़ में बंगला और कपरी पान की खेती होती है और बंगला पान को खाने के लिए उत्तम माना जाता है लेकिन एक और पान है जो इसका बाप है। वो है मिथिलांचल का पान। मिथिलांचल के पान को लोग बहुत पसंद करते हैं खासकर देशी पान जिसे 'धनगिरह' या छोटकागिरह कहा जाता है। यह पान बहुत ही स्वादिष्ट होता है।  यह आमतौर पर खाये जाने वाले बंगला  पान से बेहतर होता है।  इसकी खेती में लेबर कॉस्ट भी कम आती है और इसकी मांग बाजार में अधिक है। मिथिलांचल में पान के पत्ते का धार्मिक महत्व भी है। पूजा पाठ और धार्मिक अनुष्ठानों में उपयोग होने वाला उत्तम पान है। मेडिकल दृष्टिकोण से भी पान के पत्ते को चबाना फायदेमंद माना जाता है। 

रायपुर के करीब अभनपुर में रहने वाले एक किसान श्रवण पटेल बताते हैं कि देशी पान ‘धनगिरह’ या ‘छोटकागिरह’  की खेती करते हैं और  इस पान की बाजार में भी काफी डिमांड रहती है।  यह पान खाने में काफी स्वादिष्ट और इसके पत्तों में कभी दाग और धब्बे नहीं बनते। यह बिलकुल फ्रेश  होते हैं। इसमें सीटठी नहीं बनती है। 

शासन से अनुदान और प्रोत्साहन से बदल सकती है किस्मत 

आपको बता दें कि मिथिलांचल में ‘धनगिरह’ या ‘छोटकागिरह’  पान का काफी महत्त्व है और इसका उपयोग पूजा पाठ और धार्मिक कार्यों में अनिवार्य रूप से होता है। कृषक श्रवण पटेल  ने बताया कि वह कई वर्षों से पान की खेती कर रहे हैं।  अब उनकी खेती को देखते हुए कई अन्य किसान भी इसे लगाने के लिए रूचि दिखा रहे हैं। पान की खेती करने वाले किसानों को बढ़ावा देने के लिए शासन की योजनाओं का लाभ मिलना जरुरी है। किसान दिन रात इस पान की खेती में लगे रहते हैं उन्हें सरकार से इन किसानों को भी अनुदान या फिर प्रोत्साहन राशि मिलनी चाहिए। 


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