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दौलत, शौहरत और प्यार के बाद भी आखिर क्यों विवाह के बंधन में नहीं बंध पाए 'रतन टाटा'..., आखिर प्यार परवान क्यों नहीं चढ़ा?

दौलत, शौहरत और प्यार के बाद भी आखिर क्यों विवाह के बंधन में नहीं बंध पाए 'रतन टाटा'..., आखिर प्यार परवान क्यों नहीं चढ़ा?

हर किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता , कहीं जमीन तो कहीं आसमा नहीं मिलता... लेकिन एक ऐसा शख्स जिसके पास सबकुछ था, दौलत, शौहरत , जो दुनिया में राज कर रहा था. अगर उसके पास कुछ नहीं था तो वो था प्यार, जिसके दिल का एक कोना ताउम्र खाली रहा. जी हां हम बात कर रहे हैं रतन टाटा साहब की, उनकी भी यही कहानी थी. 

अरबपति आदमी को ज़िन्दगी में प्यार नहीं मिला:

आज आपके घर में नमक से लेकर जब आप फ्लाइट में सफर करते हैं, वहाँ टाटा साहब की भूमिका होती है कुछ ना कुछ उनसे जुड़ा देश में हर आदमी इस्तेमाल कर रहा है लेकिन उस अरबपति आदमी को ज़िन्दगी में प्यार नहीं मिला, मोहब्बत के पैमाने पर भी टाटा साहब मिसाल हैं टाटा साहब जब पढ़ाई करते थे वहाँ पर एक लड़की से उनको मोहब्बत हो गई शादी करने के इरादे थे लेकिन तभी दादी की तबियत खराब हुई इंडिया लौटना पड़ा.

पूरी जिंदगी अकेले गुजारा जीवन: 

उसी बीच में चाइना ने वॉर कर दी और इंडिया चाइना वॉर के चलते लड़की के घरवालों ने टाटा साहब के देश इंडिया में अपनी लड़की भेजी नहीं थी. टाटा साहब की शादी नहीं हो पाई प्यार मुकम्मल नहीं हुआ पूरी जिंदगी टाटा साहब ने अकेले गुजारा. एक ऐसा वक्त जब प्यार को लेकर ऐतबार कम हो रहा है!  जब रीलेशनशिप्स कपड़ों की तरह बदल रहे हैं, उस वक्त टाटा साहब प्यार की सच्ची मिसाल थे. एक ऐसी मिसाल जिसे दुनिया हमेशा याद करती रही, कि एक था रतन टाटा,जो दुनिया के लिए मिशाल थे.
 


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