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MP Bjp Action : दिल्ली आलाकमान तय करेगा भाजपा जिलाध्यक्ष, आखिर क्यों बदली रणनीति 

MP Bjp Action : दिल्ली आलाकमान तय करेगा भाजपा जिलाध्यक्ष, आखिर क्यों बदली रणनीति 

MP Bjp Action : मध्यप्रदेश बीजेपी में जिला अध्यक्षों के चुनाव की प्रकिया शुरू हो चुकी है। प्रदेशभर में रायशुमारी का दौर जारी है। कई जिलों में तो रायशुमारी होने के बाद नेताओं के नाम लिफाफे में बदं हो चुके है। वही बीते सोमवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में चुनाव पर्यवेक्षकों की बैठक भी हो चुकी है। बैठक में तय किया गया है कि जिलाध्यक्षों के नाम अब ​विधायक और सांसदों की तरह दिल्ली आलाकमान तय करेगा। दिल्ली से मुहर लगने के बाद ही जिलाध्यक्षों की घोषणा हो सकेगी।

संगठन की मनमानी पर लगाम!

बीजेपी सूत्रों का कहना है कि ब्लॉक और मंडल अध्यक्ष को लेकर सामने आए विवाद के बाद बीजेपी आलाकमान ने जिलाध्यक्षों के चुनाव अपने पाले में कर लिया है। अब प्रदेश भाजपा हर जिले से तीन नामों को दिल्ली आलाकमान के पास भेजेगा जहां एक नाम तय किया जाएगा और घोषणा की जाएगी। सूत्रों का कहना है कि बीजेपी आलाकमान ने यह फैसला प्रदेश संगठन की मनमानी पर रोक लगाने के लिए किया है। क्योंकि पहले जिला अध्यक्षों का चयन प्रदेश स्तर पर होता था कई बार तो वरिष्ठ नेता अपने चेलों को अध्यक्ष की गद्दी दिला देते थे। जिसके बाद जिलों में विवाद की ​स्थिति बनती थी। 

भाजपा ने क्यों बदली रणनीति?

इस बार भाजपा ने जिलाध्यक्ष चयन में पारदर्शिता और संगठनात्मक शक्ति को बढ़ाने के लिए नई रणनीति अपनाई है। पार्टी का उद्देश्य है कि सक्षम और प्रभावी नेतृत्व तैयार किया जाए, जो आगामी चुनावों में संगठन को मजबूत कर सके। भाजपा ने नई रणनीति के तहत जिला स्तर पर कार्यकर्ताओं की राय को भी प्राथमिकता दी है। इस प्रक्रिया में कार्यकर्ता अधिक सक्रिय रूप से शामिल हो सकेंगे, जिससे उनके विचार और सुझाव सीधे पार्टी के निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल होंगे। पार्टी यह सुनिश्चित करना चाहती है कि नए जिलाध्यक्ष न केवल संगठन के प्रति वफादार हों, बल्कि क्षेत्रीय मुद्दों और चुनौतियों को समझने में भी सक्षम रहें।

भाजपा का मानना है कि यह कदम आने वाले चुनावों में पार्टी को ऐतिहासिक जीत दिलाने में मदद करेगा। भाजपा इस परिवर्तन के माध्यम से अपनी जड़ों को मजबूत करना चाहती है। पार्टी कार्यकर्ताओं को यह अहसास दिला रही है कि हर एक की आवाज़ महत्वपूर्ण है। संगठनात्मक रुप से सुदृढ़ होकर ही पार्टी आगामी चुनौतियों का सामना कर सकेगी और जनता का विश्वास फिर से जीत सकेगी।


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