दलपत सागर सफाई घोटाला? 78 लाख की मशीन चलती रही, 50 लाख डीजल में फूंके, फिर भी गंदगी वैसे की वैसी

दलपत सागर सफाई घोटाला? 78 लाख की मशीन चलती रही, 50 लाख डीजल में फूंके, फिर भी गंदगी वैसे की वैसी

जगदलपुर: जगदलपुर शहर का सबसे बड़ा और मशहूर दलपत सागर तालाब इन दिनों फिर से चर्चा में है — लेकिन इसकी खूबसूरती या सफाई के लिए नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार और लापरवाही के आरोपों के चलते। inh 24x7 की टीम दलपत सागर की रियलिटी चेक करने निकली तो उसमें ये तथ्य सामने आए...

78 लाख में खरीदी गई मशीन, लेकिन काम कुछ नहीं
साल 2022 में कांग्रेस की नगर सरकार ने 78 लाख रुपए खर्च करके एक वीड हार्वेस्टिंग मशीन मंगाई थी। मकसद था कि इस मशीन से तालाब में फैली जलकुंभी (एक तरह की जलीय घास) को साफ किया जाएगा। लेकिन हकीकत ये है कि तीन सालों में मशीन पर करीब 50 लाख रुपए का डीजल खर्च हो गया, और आज भी जलकुंभी जस की तस बनी हुई है।

हर दिन 20 लीटर डीजल, फिर भी सफाई अधूरी
फिलहाल इस मशीन से रोजाना 8 घंटे तक काम लिया जा रहा है और उसमें रोजाना 20 लीटर डीजल डाला जा रहा है। लेकिन शहरवासी कह रहे हैं कि जलकुंभी साफ नहीं हो रही, और तालाब की हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है।

लोगों में नाराजगी, सागर बना गंदगी का अड्डा
कभी दलपत सागर का पानी पीने और नहाने में इस्तेमाल होता था। लेकिन अब हालात ऐसे हैं कि लोग उस पानी को छूने से भी कतराते हैं। शहरवासी इसे नेताओं और अधिकारियों की कमाई का अड्डा बता रहे हैं।

विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों ने मानी गलती
विपक्षी नेताओं के साथ-साथ सत्ता पक्ष के नेता भी मानते हैं कि इस मशीन की खरीद में गड़बड़ी हुई है। उनका कहना है कि इतनी बड़ी झील के लिए जो मशीन लाई गई है, वो उतनी बड़ी नहीं है कि पूरा सागर साफ कर सके। इसीलिए सारा खर्च बेकार चला गया।

अब क्या कहती है नई सरकार?
अब नगर सरकार में बैठी भाजपा की नई टीम का कहना है कि वो दलपत सागर की सफाई को लेकर गंभीर है, और जल्द ही इसका समाधान निकाला जाएगा। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि सफाई के नाम पर जो भ्रष्टाचार हुआ है, उस पर कार्रवाई की जाएगी।
 


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