
Congress Politics : गुजराज के अहमदाबाद में कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन जारी है। सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस के दिग्गज नेता खुद अधिवेशन में शामिल हुए है। मध्यप्रदेश से करीब 50 से अधिक बड़े नेता अधिवेशन में शामिल होने के लिए अहमदाबाद पहुंचे है। अधिवेशन के दौरान पार्टी कई बड़े फैसलों पर विचार कर रही है। फैसलों की कड़ी में मध्यप्रदेश को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। अंदर खाने की खबर है कि कांग्रेस प्रदेश के दो दिग्गज नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है।
अरूण-नाथ को बड़ी जिम्मेदारी?
दरसअल, राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि पूर्व सीएम कमलनाथ और पूर्व केंन्द्रीय मंत्री अरूण यादव को राष्ट्रीय स्तर की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। चर्चा है कि कांग्रेस अरूण यादव को ओबीसी का चेहरा बनाना चाहती है। तो वही कमलनाथ के लंबे राजनीतिक अनुभव का इस्तेमाल करते हुए उन्हें दिल्ली की राजनीति में फिर से लाना चाहती है।
अधिवेशन के बाद ऐलान!
वर्तमान में मध्यप्रदेश से दिग्विजय सिंह एकमात्र ऐसे नेता है जो कांग्रेस की राष्ट्रीय टीम में नजर आते है, लेकिन कांग्रेस आलाकमान अब मध्यप्रदेश से अरूण यादव और कमलनाथ को भी राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी जिम्मेदारी देने की तैयारी कर रही है। अगर दोनों नेताओं को जिम्मेदारी दी जाती है तो दिल्ली में एमपी कांग्रेस के नेताओं का दबदवा बढ़ना तय है। हालांकि दोनों को क्या जिम्मेदारी दी जाएगी, यह अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन कांग्रेस सूत्रों की माने तो अधिवेशन के समापन के बाद दोनों नेताओं को क्या जिम्मेदारी दी जाएगी इसका ऐलान किया जाएगा।
नाथ को जिम्मेदारी क्यो?
आपको बता दें कि साल 2023 के विधानसभा चुनाव के बाद कमलनाथ ने पीसीसी चीफ के पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे के बाद से नाथ ने प्रदेश की राजनीति से दूरियां बना ली थी। एमपी की राजनीति में एक्टिव होने से पहले कमलनाथ दिल्ली की राजनीति में एक्टिव थे, उनकी गांधी परिवार के सबसे करीबियों में गिनती की जाती है। ऐसे में कांग्रेस नाथ के राजनीतिक अनुभव का फिर से फायदा उठाना चाहती है। इसी के चलते नाथ को राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी जिम्मेदारी देने के लिए राहुल गांधी बड़ी तैयारी कर रहे है।
मोहन की काट के लिए अरूण?
कमलनाथ के अलावा कांग्रेस आलाकमान ओबीसी नेता अरूण यादव को राष्ट्रीय स्तर की राजनीति में लाना चाहती है। अरूण यादव बीते कई सालों से लाइमलाइट से बाहर है। हालांकि वे समय समय पर एक्टिव दिखाई देते है। राजनीति पंडितों की माने तो कांग्रेस राहुल गांधी का इस समय फोकस ओबीसी वर्ग पर है, अरूण यादव भी ओबीसी वर्ग से आते है। ऐसे में कांग्रेस अरूण यादव के अनुभव का फायदा उठाना चाहती है। अरूण यादव कांग्रेस की सरकार में केंन्द्रीय मंत्री भी रहे है। वे एमपी कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके है। खास बात तो यह है कि प्रदेश के मुखिया मोहन यादव ओबीसी से आते है। अरूण यादव और मोहन यादव मालवा के बड़े चेहरे माने जाते है। ऐसे में कांग्रेस एमपी में मोहन यादव की काट के लिए अरूण यादव को आगे कर सकती है। अरूण यादव कांग्रेस नेता राहुल गांधी के करीबी नेताओं में से एक है।