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BY ELECTION 2024: MP में फिर बजी चुनाव बिगुल, विजयपुर और बुधनी में आचार संहिता लागू, इस दिन होंगे चुनाव

BY ELECTION 2024: MP में फिर बजी चुनाव बिगुल, विजयपुर और बुधनी में आचार संहिता लागू, इस दिन होंगे चुनाव

भोपाल : मध्य प्रदेश के विजयपुर और बुधनी में उपचुनाव होने जा रहे है। जिसकी तारीखों का खुलासा चुनाव आयोग द्वारा कर दिया गया है। चुनाव अगले महीने 13 नवम्बर को होंगे। जिसके नतीजे 23 नवम्बर को जारी किए जाएंगे। मध्य प्रदेश में एक बार फिर चुनाव बिगुल बजने के बाद दोनों जगहों पर आचार संहिता लागू कर दी गई है। 

नियमों के उल्लंघन में होगी सख्त कार्रवाई 

इधर, आचार संहिता लागू करने को लेकर मध्य प्रदेश निर्वाचन सदन के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुखवीर सिंह ने आज राजधानी भोपाल के अरेरा हिल्स स्थित दफ्तर में प्रेस कांफ्रेंस कर चुनाव से जुटी जानकारी दी। जिसमे उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग ने श्योपुर जिले की 02-विजयपुर विधानसभा और सीहोर जिले की 156- बुदनी विधानसभा क्षेत्र में होने वाले उप चुनाव के लिए 15 अक्टूबर 2024 को तारीख की घोषणा की गई। उप चुनाव के तारीखों की घोषणा के साथ ही श्योपुर और सीहोर जिले में आदर्श आचार संहिता प्रभावशील हो गई है। आदर्श आचार संहिता का सख्ती से पालन कराया जाएगा। इतना ही नहीं नियमों के उल्लंघन में सख्त कार्रवाई की जाएगी। 

उप चुनाव की समय सारणी

  • 18 अक्टूबर 2024, गजट नोटिफिकेशन
  • 25 अक्टूबर 2024, नाम निर्देशन भरने की अंतिम तारीख
  • 28 अक्टूबर 2024, नाम निर्देशन की संवीक्षा
  • 30 अक्टूबर 2024, नाम वापसी की अंतिम तारीख
  • 13 नवम्बर 2024 मतदान दिवस
  • 23 नवम्बर 2024 मतगणना दिवस 

क्या है आदर्श आचार संहिता?

देश के किसी भी राज्य या क्षेत्र में भारतीय चुनाव आयोग द्वारा जब किसी चुनाव का आयोजन किया जाता है तो चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ ही उस राज्य या क्षेत्र में आदर्श आचार संहिता को लागू कर दिया जाता है। इसका मकसद देश में निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव करना होता है। इसके तहत कुछ नियमों को भी तय किया जाता है, जिसका पूरे चुनाव के दौरान सभी राजनीतिक पार्टियों को पालन करना होता है। बता दें कि चुनाव की पूरी प्रक्रिया के खत्म होने तक आचार संहिता लागू रहता है। 

आदर्श आचार संहिता के सामान्य नियम

1- कोई भी दल (Political party) ऐसा काम न करे, जिससे जातियों और धार्मिक या भाषाई समुदायों के बीच मतभेद बढ़े या घृणा फैले। 

2- राजनीतिक दलों  की आलोचना कार्यक्रम व नीतियों तक सीमित हो, न ही व्यक्तिगत।

3- धार्मिक स्थानों का उपयोग चुनाव प्रचार के मंच (election campaign) के रूप में नहीं किया जाना चाहिए।

4 - किसी की अनुमति के बिना उसकी दीवार पर चुनावी प्रचार न करें।  


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