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उबर में एंड्रॉयड और आईफोन पर किराया अलग अलग क्यों? CCPA ने बताया पारदर्शिता के अधिकार का उल्लंघन, उबर से मांगा जवाब 

उबर में एंड्रॉयड और आईफोन पर किराया अलग अलग क्यों? CCPA ने बताया पारदर्शिता के अधिकार का उल्लंघन, उबर से मांगा जवाब 

देश में करीब 20 करोड़ रजिस्टर्ड यूजर्स वाली ओला और उबर को केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने नोटिस भेजा है। पूछा गया है कि एक ही समय पर एक ही जगह से समान जगह के लिए कैब बुक करने पर आईफोन और एंड्रॉयड फोन में अलग किराया क्यों है ? केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने पिछले हफ्ते यह जानकारी दी। 

CCPA ने बताया पारदर्शिता के अधिकार का उल्लंघन:

नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन पर मिली शिकायतों की जांच के बाद कंपनियों से जवाब मांगा गया है। पिछले साल दिसंबर में एक व्यक्ति ने दो फोन की तस्वीरें साझा की थीं। इसमें एक ही जगह के लिए उबर ने अलग किराया दिखाया था। दिल्ली के एक उद्यमी ने भी कुछ दिन पहले बैटरी कम या ज्यादा चार्ज होने के आधार पर एक ही जगह के लिए अलग-अलग किराया लेने की जानकारी साझा की थी। पिछले महीने, मंत्री प्रह्लाद जोशी ने उपभोक्ता शोषण के प्रति 'जीरो टॉलरेंस' पर जोर दिया था और सीसीपीए को इन आरोपों की गहन जांच करने के लिए कहा था। उन्होंने इस तरीके को 'प्रथम दृष्टया अनुचित' और उपभोक्ताओं के पारदर्शिता के अधिकार का साफ उल्लंघन बताया था।

दिल्ली के आंत्रप्रिन्योर और इंजीनियर हब के फाउंडर ऋषभ सिंह का दावा है कि कैब कंपनियों की कार्यप्रणाली में कई झोल हैं.
1. डिवाइस टाइपः एंड्रॉयड व आईओएस डिवाइस में कीमतें तो अलग हैं ही, '13% या 50% छूट' जैसे ऑफर भी अलग।
 2. बैटरी प्रतिशत का असरः कम बैटरी वाले मोबाइल फोन पर लगातार ज्यादा किराया दिखता है। यानी कम बैटरी वाले यूजर्स को जल्दी के कारण ज्यादा दाम में कैब लेनी पड़ती है। 
3. पारदर्शिता नहींः यूजर यह जानने का हकदार है कि उनकी राइड का किराया कैसे कैलकुलेट किया जा रहा है? क्या इसमें उनके पर्सनल डिवाइस का डाटा भी शामिल किया गया है?

उबर  ने क्या दिया जवाब: 

उबर ने इन आरोपों से इंकार किया है कि वो फोन या उसके ऑपरेटिंग सिस्टम के आधार पर राइड का किराया तय करती है। कहा कि किराए में अंतर पिक-अप पॉइंट, अनुमानित यात्रा के समय और ड्रॉप पॉइंट अलग-अलग होने के कारण हो सकता है।

ऐसा ही मामला पहले भी आया था सामने:

पिछले साल, एक यूजर ने फ्लिपकार्ट पर आरोप लगाया था कि जहां एक मोकोबारा केबिन सूटकेस की कीमत आईफोन पर एंड्रॉयड फोन की तुलना में अधिक थी। इसके बाद इस मुद्दे पर काफी बहस छिड़ी थी। हालांकि, उस समय इस प्लेटफॉर्म के खिलाफ कोई औपचारिक कार्रवाई नहीं हुई थी।


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